क्या ओडिशा सरकार बहुदा यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार है?

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा सरकार बहुदा यात्रा की सभी तैयारियों को पूरा कर चुकी है।
- हरिचंदन ने प्रशासन के समन्वय की पुष्टि की है।
- 3.5 से 4 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है।
- सुरक्षा और रसद व्यवस्था को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
- स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया जा रहा है।
पुरी, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को बताया कि राज्य सरकार बहुदा यात्रा के सफल और सुचारू आयोजन के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह यात्रा भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की गुंडिचा मंदिर में एक सप्ताह के प्रवास के बाद श्रीमंदिर की वापसी यात्रा है।
मीडिया से संवाद करते हुए हरिचंदन ने कहा, "सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विभिन्न प्रशासनिक विभागों, पुलिस, जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन के बीच समन्वय को ठीक से सुनिश्चित किया गया है। कल की भव्य बहुदा यात्रा के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।"
आगामी कार्यक्रमों के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "बहुदा यात्रा, उसके बाद सुना बेशा और नीलाद्रि बिजे सभी के लिए आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को एक सहज दर्शन का अनुभव मिले और बिना किसी परेशानी के भगवान का आशीर्वाद प्राप्त हो।"
सुना बेशा और नीलाद्रि बिजे भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दो महत्वपूर्ण अनुष्ठान हैं। सुना बेशा में देवताओं को रथों पर सोने के आभूषणों से सजाया जाता है, जबकि नीलाद्री बिजे में देवताओं को वापस मंदिर के गर्भगृह में ले जाया जाता है, जिससे रथ यात्रा का समापन होता है।
उन्होंने आगे कहा, राज्य की मशीनरी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए पूरी ईमानदारी और समन्वय के साथ काम कर रही है। सुरक्षा और रसद व्यवस्था बढ़ाने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे। अब तक 3.5 से 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं और हजारों की संख्या में अभी भी दर्शन करने वाले हैं।"
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, "भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से हमें पूरा विश्वास है कि सभी अनुष्ठान और व्यवस्थाएं बिना किसी बाधा के संपन्न होंगी। हम सभी भक्तों को आमंत्रित करते हैं कि वे आएं और इस दिव्य आयोजन को देखें तथा महाप्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करें। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है।"
इसी बीच, प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन, यातायात व्यवस्था और आपातकालीन सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया है ताकि भक्तों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, मंदिर प्रशासन ने स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष जोर दिया है ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में दर्शन का अवसर मिले।