क्या ओडिशा विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है?

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क्या ओडिशा विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है?

सारांश

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 'सेमीकॉन इंडिया 2025' में राज्य के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास की नई दिशा दिखाई। उन्होंने ओडिशा को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की प्रतिबद्धता जताई है। यह कदम न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि हजारों रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।

Key Takeaways

  • ओडिशा ने विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने की प्रतिबद्धता जताई है।
  • 2,655 करोड़ रुपये के दो महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • सेमीकंडक्टर उद्योग में ओडिशा का विकास हजारों रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
  • इंटेल, माइक्रोन जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ सहयोग पर चर्चा हुई है।
  • निवेश और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियाँ लागू की गई हैं।

भुवनेश्वर, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नई दिल्ली में आयोजित 'सेमीकॉन इंडिया 2025' में राज्य के सेमीकंडक्टर और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि ओडिशा विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

सीएम मोहन चरण माझी ने ओडिशा पवेलियन का उद्घाटन किया, जहां 2,655 करोड़ रुपये के दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

सीएम माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि पहला एमओयू टॉपट्रैक हाई-टेक पीसीबी प्राइवेट लिमिटेड के साथ 1,005 करोड़ रुपये की एडवांस्ड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए हुआ। वहीं दूसरा सैंकोड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ सिलिकॉन कनेक्ट, इनारी एमरट्रॉन बरहाद और एपीआईआरसी पेनांग के सहयोग से 1,650 करोड़ रुपये की सुविधा के लिए हुआ। इसके अलावा, इंटेल, माइक्रोन, वेस्टर्न डिजिटल, रेनेसास और सीमेंस जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ सहयोग पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "ये सहयोग ओडिशा को सेमीकंडक्टर और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।"

उन्होंने भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत ओडिशा में शुरू हुई परियोजनाओं का उल्लेख किया, जैसे कि सिक्सेम प्राइवेट लिमिटेड की देश की पहली वाणिज्यिक सिलिकॉन कार्बाइड फैब और 3डी ग्लास सॉल्यूशंस की एडवांस पैकेजिंग यूनिट।

ओडिशा ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग एवं फैबलेस नीति 2025 और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग (ईसीएम) नीति 2025 लागू की है, जो निवेश, नवाचार और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी। इन नीतियों के तहत एकल खिड़की मंजूरी और आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं।

सीएम माझी ने कहा, "हम एक विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" 'सेमीकॉन इंडिया 2025' में ओडिशा की भागीदारी ने राज्य को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए, जिससे हजारों कुशल रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

—राष्ट्र प्रेस

Point of View

ओडिशा का यह कदम न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। सेमीकंडक्टर उद्योग की बढ़ती मांग को देखते हुए, ओडिशा का यह प्रयास भारत को वैश्विक बाजार में एक प्रतिस्पर्धी स्थिति में लाने में सहायक होगा।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में क्या कदम उठाए हैं?
ओडिशा ने 'सेमीकॉन इंडिया 2025' में भाग लिया है और 2,655 करोड़ रुपये के दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
क्या ओडिशा में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे?
हाँ, ओडिशा के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के विकास से हजारों कुशल रोजगार सृजित होंगे।
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग नीति क्या है?
यह नीति निवेश, नवाचार और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
ओडिशा में कौन-कौन सी कंपनियों के साथ सहयोग किया गया है?
ओडिशा ने इंटेल, माइक्रोन, वेस्टर्न डिजिटल, रेनेसास और सीमेंस जैसी कंपनियों के साथ सहयोग पर चर्चा की है।
ओडिशा का यह कदम भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह कदम भारत को सेमीकंडक्टर उद्योग में एक वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करेगा।
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