क्या ओडिशा विधानसभा में महिला कांस्टेबल शुभमित्रा साहू की हत्या पर हंगामा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- महिला कांस्टेबल शुभमित्रा साहू की हत्या ने ओडिशा विधानसभा में हंगामा खड़ा किया।
- कानून मंत्री ने मामले का विस्तृत विवरण साझा किया।
- दीपक कुमार राउत पर हत्या का आरोप है।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुभद्रा योजना का ऐलान किया गया।
- पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
भुवनेश्वर, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा विधानसभा में महिला ट्रैफिक कांस्टेबल शुभमित्रा साहू की नृशंस हत्या को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। इस पर कानून मंत्री ने अपनी बात रखी।
ओडिशा विधानसभा में बुधवार को महिला ट्रैफिक कांस्टेबल शुभमित्रा साहू की हत्या की घटना ने सभी को चौंका दिया। उनका शव क्योंझर जिले के घाटगांव से मिला था। कानून मंत्री ने विधायक प्रमिला मलिक, गौतम बुद्ध दास, रोमांच रंजन बिस्वाल, ध्रुब चरण साहू और शारदा प्रसन्ना जेना द्वारा प्रस्तुत कार्यस्थगन प्रस्ताव का उत्तर देते हुए इस मामले का विस्तृत विवरण साझा किया।
मंत्री के अनुसार, शुभमित्रा 6 सितंबर, 2025 को लापता हो गई थीं, जिस पर उनकी मां सुकांता साहू ने कैपिटल पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच के दौरान शक उनके पति, कांस्टेबल दीपक कुमार राउत पर गया, जो कमिश्नरेट पुलिस में तैनात थे।
उन्होंने बताया कि रिकार्ड से यह स्पष्ट हुआ कि शुभमित्रा और दीपक ने 23 जुलाई, 2024 को खोरधा विवाह रजिस्ट्रार के सामने विवाह किया था। हालांकि, पुलिस जांच में उनके बीच बढ़ते विवाद का पता चला। दीपक ने कथित तौर पर शुभमित्रा द्वारा मांगे गए 20 लाख रुपए देने से इनकार कर दिया। बाद में उन्होंने 6 सितंबर को दोपहर 2 से 3 बजे के बीच भुवनेश्वर यूनिट-6 इलाके में अपनी होंडा सिटी कार में शुभमित्रा की गला घोंटकर हत्या करने की बात स्वीकार की।
दीपक ने अपने रिश्तेदारों विनोद बिहारी भुइयां उर्फ पापू और शंभूनाथ मोहंती उर्फ जटा के साथ मिलकर घाटगांव पुलिस सीमा के अंतर्गत कुसुनपुर गांव में उनका शव दफना दिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को 17 सितंबर को गिरफ्तार किया और अगले दिन अदालत में पेश किया। वे अब झारपड़ा जेल में बंद हैं।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 के तहत मामला दर्ज किया गया है और इसकी जांच जारी है।
कानून मंत्री ने ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े भी प्रस्तुत किए और बताया कि 2020 से 2024 के बीच मामलों की संख्या अधिक थी, लेकिन जुलाई 2024 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद महिलाओं से संबंधित अपराधों की अधिकांश श्रेणियों में कमी आई है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में 152.6 करोड़ रुपए के बजट के साथ सुभद्रा सुरक्षा योजना शुरू की है, जिसमें संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कवरेज और ईआएसएस-112 के साथ एकीकृत एक समर्पित महिला सुरक्षा ऐप शामिल है।