क्या ओडिशा में महिला पुलिस इंस्पेक्टर को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- महिला पुलिस अधिकारी सुकमा हंसदाह को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
- आरोपी पर महिलाओं के साथ अत्याचार का आरोप है।
- सतर्कता विभाग ने मामले की जांच शुरू की है।
- रिश्वत की राशि 20,000 रुपए थी।
- गिरफ्तारी के बाद हंसदाह को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
भुवनेश्वर, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के सतर्कता विभाग ने एक महिला पुलिस अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ लिया, जो कि एक आपराधिक मामले में आरोपी की जमानत कराने का प्रयास कर रही थी। यह गिरफ्तारी गुरुवार को की गई।
पुलिस अधिकारी की पहचान सुकमा हंसदाह के रूप में हुई है, जो कोरापुट जिले के दसमंतपुर पुलिस स्टेशन की प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) हैं।
सतर्कता विभाग के सूत्रों के मुताबिक, हंसदाह को एंटी करप्शन अधिकारियों ने एक आरोपी के रिश्तेदार से मामले की डायरी अदालत में पेश करने के बदले 20,000 रुपए की रिश्वत मांगते हुए पकड़ा।
आरोपी पर महिलाओं के साथ अत्याचार के एक मामले में संलिप्त होने का आरोप है, जो पहले से ही दसमंतपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और इसकी जांच स्वयं आईआईसी हंसदाह कर रही थीं।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और अदालत ने मामले की डायरी औपचारिक रूप से मंगाई थी। आरोप है कि हंसदाह ने मामले की डायरी अदालत में पेश करने के बदले रिश्वत की मांग की, जिससे आरोपी को जमानत मिल सके।
बार-बार रिश्वत मांगने पर, आरोपी के एक रिश्तेदार ने ओडिशा सतर्कता विभाग से संपर्क किया और रिश्वत की मांग का विस्तृत विवरण देते हुए शिकायत दर्ज कराई।
एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर गुरुवार को जाल बिछाया गया, जिसमें ओडिशा सतर्कता विभाग की टीम ने दसमंतपुर पुलिस स्टेशन परिसर के अंदर आरोपी सुकमा हंसदाह (अंतरिम अधिकारी) को आरोपी के एक रिश्तेदार से 20,000 रुपए की अनुचित रिश्वत की मांग करते हुए पकड़ा।
एक वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी ने बताया कि गवाहों की उपस्थिति में हंसदाह के पास से रिश्वत की पूरी रकम बरामद कर जब्त कर ली गई।
जाल बिछाने के बाद, सतर्कता टीमों ने दसमंतपुर स्थित हंसदाह के सरकारी आवास और कार्यालय कक्ष में एक साथ तलाशी ली। चल रही जांच के तहत प्रासंगिक दस्तावेजों और सामग्रियों की जांच की गई।
जाल बिछाने के बाद हंसदाह को अदालत में पेश किया गया और बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।