क्या फर्जी बाबाओं को पकड़ने के लिए ऑपरेशन कालनेमि जरूरी है?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन कालनेमि का उद्देश्य फर्जी बाबाओं को पकड़ना है।
- समाज में असली साधु-संतों की गरिमा की रक्षा करना जरूरी है।
- फर्जी बाबाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।
- यह ऑपरेशन अन्य राज्यों में भी लागू होना चाहिए।
- सरकार को इस दिशा में और सख्त कदम उठाने होंगे।
वाराणसी, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी और बीएचयू ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रारंभ किए गए ऑपरेशन कालनेमि की सराहना की है। दोनों ने इस अभियान के तहत फर्जी बाबाओं को पकड़ने के प्रयास को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि वर्तमान समय में अनेक फर्जी बाबा केवल धन कमाने के उद्देश्य से सक्रिय हैं, जिन पर नियंत्रण आवश्यक है।
प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि समाज में उपस्थित सभी बाबाओं का किसी न किसी संस्था या अखाड़े से जुड़ना आवश्यक है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि ये लोग कहाँ से आते हैं और इनकी पृष्ठभूमि क्या है। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि कितने असली साधु-संत हमारे बीच हैं, क्योंकि हाल के दिनों में फर्जी साधु-संतों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, जो हमारे बीच में रंगे सियार की तरह घूम रहे हैं। ऐसे फर्जी बाबाओं को पकड़ने की दिशा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आरंभ किया गया यह ऑपरेशन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि जब भी समाज में कोई आपराधिक घटना होती है जिसमें किसी साधु संत का नाम आता है, तो असली साधु-संत भी बदनाम हो जाते हैं, जिन्होंने अपना जीवन मानवता और राष्ट्र सेवा को समर्पित किया है। यदि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ऐसा ऑपरेशन शुरू किया है, तो इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। यह बात भी सही है कि अब तक इस अभियान के अंतर्गत कई फर्जी बाबाओं और साधुओं को पकड़ा जा चुका है और आगे भी ऐसी कार्रवाइयाँ जारी रहेंगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की कि वे इस कार्य को अकेले न करें। यदि उन्हें इस ऑपरेशन को सफल बनाना है, तो एक समिति का गठन करें जिसमें कुछ अन्य अखाड़ों से जुड़े साधु-संत भी शामिल हों, ताकि फर्जी बाबाओं को पहचानने में मदद मिले।
उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए ताकि फर्जी बाबाओं के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके। हाल ही में छांगुर बाबा का नाम भी सामने आया है, जो भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण कर रहा था। ऐसे बाबाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि समाज में शुद्धता बनी रहे।
महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में हमारे प्रदेश में भी इस तरह का ऑपरेशन शुरू किया जाएगा, ताकि फर्जी बाबाओं पर रोक लगाई जा सके। ऐसे लोग समाज के ताने-बाने को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं और हम उन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
इसके अलावा, प्रो. विनय कुमार पांडेय ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन कालनेमि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह का अभियान पहले ही शुरू हो जाना चाहिए था।
उन्होंने यह भी बताया कि बहुत से साधु समाज में धन अर्जित करने के लिए घूम रहे हैं। कई बार ये लोग आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल पाए जाते हैं। सवाल यह है कि ये लोग साधु-संत का भेष क्यों धारण करते हैं। हमें इसे समझना होगा, क्योंकि साधु की समाज में अपनी गरिमा होती है और ये लोग इसी गरिमा का सहारा लेकर अपने नापाक इरादों को पूरा करने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी साधु-संतों के कारण समाज में असली साधु-संतों की गरिमा को नुकसान हो रहा है। इसलिए असली साधु-संतों की गरिमा की रक्षा के लिए ऑपरेशन कालनेमि एक अच्छा कदम है। यह ऑपरेशन सराहनीय है।
प्रो. विनय कुमार पांडेय ने कहा कि इस तरह का अभियान ना सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश में होना चाहिए, ताकि फर्जी बाबाओं को रोका जा सके और साधु संतों की गरिमा की रक्षा हो सके। फर्जी साधु ना केवल हिंदू धर्म में, बल्कि हर धर्म में पाए जाते हैं। लेकिन, यह भी सच है कि हिंदू धर्म में ऐसे फर्जी बाबाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।