क्या विपक्ष ने मानसून सत्र में चर्चा के लिए तैयार किया है?

Click to start listening
क्या विपक्ष ने मानसून सत्र में चर्चा के लिए तैयार किया है?

सारांश

नई दिल्ली में संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है। विपक्ष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की है, जबकि सत्तापक्ष ने हर मुद्दे पर बहस के लिए अपनी तत्परता जताई है। जानिए इस सत्र में क्या कुछ विशेष होने वाला है।

Key Takeaways

  • मानसून सत्र 21 अगस्त तक चलेगा।
  • विपक्ष ने कई मुद्दों पर बहस की मांग की है।
  • सत्तापक्ष ने चर्चा के लिए अपनी तत्परता जताई है।
  • भाजपा और कांग्रेस के सांसदों के बीच तीखी बहस की संभावना है।
  • समाजवादी पार्टी ने किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया है।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र सोमवार से आरंभ हो चुका है, जो कि 21 अगस्त तक जारी रहेगा। इस सत्र में भाग लेने वाले विभिन्न दलों के सांसदों ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। विपक्ष के सांसदों ने पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की, जबकि सत्तापक्ष ने कहा कि वे हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन यह भी आवश्यक है कि बहस सार्थक हो।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा, "हमने लोकसभा और राज्यसभा में नियमों के तहत नोटिस दिए हैं। पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर, बिहार में मतदाता सूची, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा और मणिपुर हिंसा जैसे विषयों पर चर्चा होनी चाहिए।"

भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने विपक्ष को उत्तर देते हुए कहा, "केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि विपक्ष नियमों के तहत चर्चा की मांग करे, सरकार तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर बहस करें, भागें नहीं।"

भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने इस सत्र को विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण बताया और कहा, "यह सत्र अच्छे विधेयकों के लिए याद किया जाएगा। विपक्ष केवल आरोप लगाता है, लेकिन बहस के लिए तैयार नहीं।"

उन्होंने विपक्ष की रणनीति को "खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे" जैसा बताया। सत्र के पहले दिन से ही विपक्षी सांसदों की नारेबाजी और हंगामे के कारण लोकसभा कई बार स्थगित हो चुकी है। सरकार ने 17 विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है।

भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह ने कहा, "भारत पूरी दुनिया का सिरमौर बना हुआ है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हम न केवल पाकिस्तान के खिलाफ, बल्कि तुर्की और चीन के खिलाफ भी लड़ रहे थे। हमारे सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया है और यह उसका जश्न मनाने का समय है। संसद के संबंध में, हमारी सरकार सभी मामलों पर गहन चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष की भूमिका अभी ठीक नहीं है।"

समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी नाकामियों का ठीकरा समाजवादियों पर फोड़ रहे हैं। उन्होंने कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, "95 फीसद लोग पीडीए से हैं, सभी मूलतः समाजवादी हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है।"

कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने बिहार में बढ़ते अपराध और मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कहा, "जनता ने हमें अपनी आवाज बनने के लिए चुना है। बिहार में अपराध चरम पर है और मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर गरीबों को परेशान किया जा रहा है।"

उन्होंने चुनाव आयोग से सवाल किया कि 95 फीसद फॉर्म भरने के बाद यह स्पष्ट हो कि कितने लोग नेपाल या बांग्लादेश से हैं। यदि किसी का नाम गलत तरीके से काटा गया, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी।

संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मुस्लिम समुदाय की परेशानियों का मुद्दा उठाया और कहा, "मुस्लिम धर्म किसी को आतंकवादी नहीं कहता, न ही किसी धर्म को बदनाम करता है। योगी जी की यह गलतफहमी है। सरकार बेवजह मुद्दों को तूल देकर राजनीति कर रही है।"

समाजवादी पार्टी के सांसद आनंद भदौरिया ने कहा, "उत्तर प्रदेश के हालात देखें तो खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं और पुलिस उन्हें पीट रही है। बिजली की स्थिति इतनी खराब है कि कई इलाकों में कई-कई दिनों तक बिजली नहीं आती। समाजवादी पार्टी पूरे सत्र में मुखर रहेगी और इन सभी मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएगी।"

Point of View

जो लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। मुद्दों पर चर्चा करना ही असली लोकतंत्र का परिचायक है, और हम उम्मीद करते हैं कि यह सत्र सार्थक और विमर्शात्मक होगा।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

मानसून सत्र कब शुरू हुआ है?
मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ है और यह 21 अगस्त तक चलेगा।
विपक्ष ने किन मुद्दों पर चर्चा की मांग की है?
विपक्ष ने पहलगाम अटैक, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर, और बिहार में मतदाता सूची जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।
सत्तापक्ष ने क्या कहा है?
सत्तापक्ष के नेताओं ने कहा है कि वे हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन बहस सार्थक होनी चाहिए।