क्या नौसेना के एंटी-सबमरीन क्राफ्ट ‘अजय’ का जलावतरण हुआ?

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क्या नौसेना के एंटी-सबमरीन क्राफ्ट ‘अजय’ का जलावतरण हुआ?

सारांश

भारतीय नौसेना ने अपने नए एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट ‘अजय’ का जलावतरण किया है। यह आधुनिक पोत समुद्री सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस पोत की विशेषताएँ और इसकी महत्वता क्या है।

Key Takeaways

  • ‘अजय’ पोत भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति है।
  • यह युद्धपोत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
  • इससे भारतीय समुद्री सुरक्षा में सुधार होगा।
  • यह पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को मजबूत करेगा।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना में जल्द ही एक और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्टअजय’ का समावेश होने जा रहा है। सोमवार को ‘अजय’ का जलावतरण किया गया। 21 जुलाई को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) शिपयार्ड में इस परियोजना का शुभारंभ हुआ। ‘अजय’ भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक पोत बनने जा रहा है।

यह पोत हुल माउंटेड सोनार और लो फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार जैसे अत्याधुनिक सेंसर से सुसज्जित है। इसकी मारक क्षमता में उन्नत टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट्स, एनएसजी-30 गन और 12.7 मिमी एसआरसीजी गन शामिल हैं। यह पोत डीजल इंजनों द्वारा संचालित है और वाटर जेट्स से चलता है। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा इसे स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है। अब गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा इस एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट का निर्माण भी किया जा रहा है।

सोमवार को ‘अजय’ के जलावतरण के अवसर पर भारतीय नौसेना के चीफ ऑफ मटेरियल वाइस एडमिरल किरण देशमुख मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। पारंपरिक नौसैनिक परंपरा के अनुसार, प्रिया देशमुख ने पोत का जलावतरण किया। इस अवसर पर भारतीय नौसेना और जीआरएसई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस श्रेणी के पहले पोत ‘अर्नाला’ को 18 जून 2025 को नौसेना में शामिल किया गया था, जबकि दूसरे पोत की डिलीवरी अगस्त 2025 में प्रस्तावित है।

यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की अंडर वॉटर निगरानी, पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता और समुद्र में माइन बिछाने की क्षमता को सशक्त करेगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट ‘अजय’ का जलावतरण भारतीय नौसेना की स्वदेशी पोत निर्माण, हथियार, सेंसर, संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर प्रयासों का प्रतीक है। 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ यह पोत ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। यह भारतीय पोत हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री सुरक्षा को और सशक्त करेगा।

Point of View

बल्कि यह देश के स्वदेशी निर्माण प्रयासों का भी प्रतीक है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि हम अपनी रक्षा क्षमताओं में सुधार कर रहे हैं।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

एंटी-सबमरीन क्राफ्ट ‘अजय’ की विशेषताएँ क्या हैं?
‘अजय’ पोत में हुल माउंटेड सोनार, लो फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार, उन्नत टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट्स और विभिन्न गन सिस्टम शामिल हैं।
‘अजय’ का जलावतरण कब हुआ?
‘अजय’ का जलावतरण 21 जुलाई को कोलकाता में हुआ।
यह पोत किस प्रकार का युद्धपोत है?
यह एक एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट है।