क्या गुजरात ने एसआईआर प्रक्रिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया?

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क्या गुजरात ने एसआईआर प्रक्रिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया?

सारांश

गुजरात ने एसआईआर प्रक्रिया में अद्वितीय प्रदर्शन किया है। जानिए कैसे यह प्रक्रिया न केवल चुनावों की पारदर्शिता को बढ़ाती है, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती में भी योगदान करती है।

Key Takeaways

  • गुजरात ने लगभग पूर्ण एसआईआर प्रदर्शन किया है।
  • मतदाता सूची में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की गई है।
  • डुप्लिकेट प्रविष्टियों और अन्य विसंगतियों की पहचान की गई है।
  • पात्र नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
  • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की नींव रखी गई है।

गांधीनगर, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मतगणना चरण में गुजरात ने प्रभावी और लगभग पूर्ण प्रदर्शन की जानकारी दी है।

27 अक्टूबर को राज्यव्यापी स्तर पर शुरू किए गए एसआईआर अभियान में 5.08 करोड़ मतदाता गणना प्रपत्र शामिल थे, जिसमें वितरण से लेकर डिजिटलीकरण तक की पूरी प्रक्रिया मिशन मोड में की गई थी।

इनमें से, एएसडी श्रेणी (अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृतक) के तहत चिह्नित 10.69 लाख मामलों का सत्यापन किया जा चुका है, जो अब पूरा होने के करीब है।

बता दें कि राज्य के 33 जिलों में से 26 जिलों ने अपनी एएसडी सूचियों में कोई विसंगति नहीं पाई है, जबकि शेष 7 जिलों में केवल 11

पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों के बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) और बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) ने समन्वित बैठकें कीं, जिसके परिणामस्वरूप सत्यापन प्रयासों को 100 प्रतिशत पूरा किया गया।

इसके बाद, जिन मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त नहीं हुए थे, उनकी निर्वाचन क्षेत्रवार सूचियां संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की वेबसाइटों पर प्रकाशित की गईं।

मतगणना चरण में आए मजबूत परिणाम एसआईआर अभियान के माध्यम से स्वच्छ, समावेशी और त्रुटिरहित मतदाता सूचियों को बनाए रखने की दिशा में गुजरात के केंद्रित प्रयासों को रेखांकित करते हैं।

मतदाता सूचियों की एसआईआर (एसआईआर) प्रक्रिया भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सटीकता, विश्वसनीयता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

जमीनी स्तर पर मतदाताओं के विवरणों का व्यवस्थित रूप से सत्यापन करके, एसआईआर डुप्लिकेट प्रविष्टियों, मृत मतदाताओं, स्थायी प्रवासियों और लापता मतदाताओं जैसी विसंगतियों की पहचान करने और उन्हें ठीक करने में मदद करता है, जिससे मतदाता सूचियों की अखंडता मजबूत होती है।

एसआईआर अभ्यास यह भी सुनिश्चित करता है कि पात्र नागरिक पीछे न छूटें, जिससे मतदाताओं का विश्वास और चुनावों में भागीदारी बढ़ती है।

चुनाव आयोग की देखरेख में और बूथ स्तर के अधिकारियों तथा राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी के साथ आयोजित होने वाला एसआईआर, स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो एक स्वस्थ लोकतंत्र की नींव हैं।

Point of View

बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी मजबूत करता है। इस तरह की पारदर्शिता और समावेशिता लोकतंत्र को और भी मजबूती प्रदान करती है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर प्रक्रिया क्या है?
एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया मतदाता सूचियों की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए की जाती है।
गुजरात ने कितने मतदाता प्रपत्रों का सत्यापन किया?
गुजरात ने एसआईआर प्रक्रिया के दौरान 5.08 करोड़ मतदाता प्रपत्रों का सत्यापन किया।
मतदाता सूचियों की सटीकता क्यों महत्वपूर्ण है?
मतदाता सूचियों की सटीकता चुनावों की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करती है।
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