क्या बिहार में एसआईआर का 91 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में एसआईआर का 91 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हुआ।
- चुनाव आयोग और प्रशासन की पारदर्शिता की सराहना की गई।
- विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
- बिहार का विकास एनडीए सरकार के कार्यों का परिणाम है।
- चुनाव में विकास और विनाश का मुद्दा होगा।
नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को भाजपा के राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल ने सराहा है। उन्होंने बताया कि बहुत कम समय में एसआईआर का 91 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है।
शंभू शरण पटेल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग और बिहार प्रशासन पूरी पारदर्शिता और निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं। यह पूरी तरह से तथ्यों के आधार पर काम कर रहे हैं। एसआईआर अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बीएलओ और चुनाव आयोग के कर्मचारियों ने युद्ध स्तर पर प्रयास किए हैं। ऐसे संशोधन निरंतर होते रहना चाहिए। चुनाव आयोग का दायित्व है कि गलत और फर्जी मतदाता के नाम को सूची से हटाया जाए। मैं भारत के निर्वाचन आयोग का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ कि अल्पकालिक समय में एसआईआर का 91 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हुआ है, जिसका अर्थ है कि 91 प्रतिशत से अधिक लोगों का डेटा एकत्र किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। कुछ ही महीनों में बिहार में चुनाव होने वाले हैं। एनडीए सरकार में प्रदेश का विकास हुआ है, जबकि लालू यादव के शासनकाल में बिहार का विनाश हुआ है। यह चुनाव विकास और विनाश का मुकाबला होने वाला है। बिहार में एनडीए ने कई कार्य किए हैं, अगर इसकी गिनती की जाए तो महीने कम पड़ जाएंगे। इंडी गठबंधन के शासनकाल में बिहार कई साल पीछे चला गया था। लेकिन, 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार पर विशेष ध्यान दिया है। अब यह राज्य विकास की ओर अग्रसर है। भारत के साथ ही बिहार प्रदेश भी विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। विपक्ष का कार्य ही सरकार पर आरोप लगाना है। इस प्रकार, विपक्ष अपने कार्य में लगा हुआ है और सरकार अपने कार्य में। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस बार भी विकास के मुद्दे पर ही बिहार में भाजपा-एनडीए चुनाव में भाग लेगी।
चुनाव आयोग ने पहली अगस्त से एक सितंबर के बीच किसी भी इलेक्टोरल या राजनीतिक दल को आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया है। इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और बिहार प्रशासन पूरी पारदर्शिता के साथ सही तथ्यों पर कार्य कर रहे हैं। आपत्तियों को दर्ज कराने के लिए आयोग ने पर्याप्त समय दिया है।