क्या पाकिस्तान अफगान प्रवासियों को जबरन वापस भेज रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान ने अफगान प्रवासियों के लिए निर्वासन की प्रक्रिया को तेज किया है।
- अफगान प्रवासी 40 वर्षों से पाकिस्तान में रह रहे हैं।
- अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मानवीय हस्तक्षेप की अपील की है।
- बड़े पैमाने पर निर्वासन से आर्थिक तंगी हो सकती है।
- समाज में अस्थिरता बढ़ सकती है।
काबुल, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में निवास कर रहे अफगान प्रवासियों ने हाल ही में जबरन निर्वासन की घटनाओं में वृद्धि की चिंता जताई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने 31 अगस्त को निर्धारित समयसीमा समाप्त होने के बाद अफगान प्रवासियों को जबरन देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया को और तेज कर दिया है।
खैबर पख्तूनख्वा में अफगान प्रवासियों के प्रतिनिधि मीर मियाखिल ने कहा, "लोग बेहद चिंतित हैं क्योंकि वे यहाँ लगभग 40 वर्षों से व्यापार कर रहे हैं। इतनी कम अवधि में सब कुछ समेटना नामुमकिन है।"
पाकिस्तान में रह रहे एक अन्य अफगान प्रवासी अतीकुल्लाह मंसूर ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारी प्रवासियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बार-बार अपीलों के बावजूद निर्वासन की प्रक्रिया को और सख्ती से लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "न केवल उन्होंने निर्वासन को रोका नहीं, बल्कि इसे और तेज कर दिया है। हमने और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने पाकिस्तान सरकार से अपील की थी कि निर्वासन को धीरे-धीरे और सुरक्षित तरीके से अंजाम दिया जाए।"
कई अफगान प्रवासियों ने पाकिस्तान सरकार के वीजा न बढ़ाने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इसके कारण उन्हें गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रवासी अधिकार कार्यकर्ताओं ने शरणार्थियों की समस्याओं को सुलझाने की आवश्यकता पर जोर दिया और पाकिस्तान सरकार से अपील की कि जब तक अफगानिस्तान की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक जबरन निर्वासन रोका जाए।
एक अन्य प्रवासी, मोहम्मद रजा ने कहा कि अफगान शरणार्थी विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं। वहीं, प्रवासी अधिकार कार्यकर्ता जमाल मुस्लिम ने कहा, "पाकिस्तान को अपनी मूल जिम्मेदारियों पर कायम रहना चाहिए। आज भी कानूनी दस्तावेज रखने वाले हजारों अफगान शरणार्थियों का अपमान किया जा रहा है।"
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने रेजीडेंसी परमिट की अवधि खत्म होने के बाद अफगान प्रवासियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है। सीमावर्ती इलाकों, खासकर तोरखम पर, भारी भीड़ देखी जा रही है जहां से अफगान प्रवासी पाकिस्तान छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किए हैं कि जिन अफगान प्रवासियों के निवास परमिट खत्म हो गए हैं, उन्हें गिरफ्तार कर देश से बाहर निकाला जाए। कानून प्रवर्तन एजेंसियों से प्रतिदिन रिपोर्ट देने को कहा गया है और पुलिस टीमों को बिना दस्तावेज वाले अफगान प्रवासियों को पकड़ने के लिए तैनात किया गया है।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान लगभग 14 लाख अफगानों को, जिनके पास प्रूफ ऑफ़ रजिस्ट्रेशन कार्ड हैं, देश से बाहर निकालने की योजना लागू कर रहा है। इसके अलावा करीब 8 लाख अफगान, जिनके पास अफगान नागरिकता कार्ड हैं और जो पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे हैं, वे भी निर्वासन की जद में हैं।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर निर्वासन से अफगान परिवारों को आर्थिक तंगी, सामाजिक अस्थिरता और सीमावर्ती इलाकों में शोषण जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां लगातार पाकिस्तान और अफगानिस्तान से अपील कर रही हैं कि वे वार्ता करें और प्रवासियों के सुरक्षित एवं मानवीय निर्वासन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।