क्या पाकिस्तान: बलूचिस्तान में अपहरण और हत्या की घटनाएं जारी हैं?

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क्या पाकिस्तान: बलूचिस्तान में अपहरण और हत्या की घटनाएं जारी हैं?

सारांश

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन बढ़ता जा रहा है। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने जबरन गायब होने और लक्षित हत्याओं के मामलों की गंभीरता को उजागर किया है। क्या ये घटनाएं सुरक्षा बलों की संलिप्तता का संकेत हैं?

Key Takeaways

  • बलूचिस्तान में अपहरण और हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं।
  • सरकारी सुरक्षा बलों की संलिप्तता का आरोप है।
  • मानवाधिकार संगठन ने गंभीर मामलों की रिपोर्ट पेश की है।
  • विरोध प्रदर्शन के माध्यम से स्थानीय लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं।

क्वेटा, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने गुरुवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जबरन गायब होने और लक्षित हत्याओं के गंभीर एवं सुनियोजित मामलों का खुलासा किया है। संगठन ने यह आरोप लगाया है कि ये घटनाएं पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की गतिविधियों का परिणाम हैं।

ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ बलूचिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक महीने में प्रांत में जबरन गायब होने के १०६ नए मामले और ४२ हत्याएं दर्ज की गईं।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मारे गए लोगों में ११ ऐसे व्यक्ति शामिल थे जिन्हें पहले जबरन गायब किया गया था, जबकि ५ लोग उसी महीने अगवा किए गए थे, और ६ लोग पहले के महीनों में लापता हुए थे। नवंबर में अगवा किए गए केवल १२ व्यक्तियों को बाद में रिहा किया गया, जबकि अधिकांश अब भी लापता हैं।

एचआरसीबी ने यह दावा किया है कि सबसे अधिक अपहरण पाकिस्तान की फ्रंटियर कॉर्प्स द्वारा किए गए हैं, जिनके खिलाफ ६० मामले दर्ज हुए। इसके अलावा, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों पर २३ मामलों, काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट पर १७ मामलों और राज्य समर्थित डेथ स्क्वॉड्स पर ६ अपहरणों का आरोप लगाया गया है।

जिलावार आंकड़ों के अनुसार, केच जिले में सबसे अधिक २० अपहरण दर्ज हुए, इसके बाद क्वेटा में १६ मामले सामने आए। पंजगुर और डेरा बुगती में १४-१४ अपहरण हुए। ग्वादर में १० और कराची में ७ मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा, मस्तूंग, खुजदार, कोह्लू, हब, आवारान, सुराब, चागई, डीजी खान और कलात से भी अपहरण की खबरें आई हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि नवंबर में कुल ४२ हत्याएं दर्ज की गईं, जिनमें ३९ पुरुष और ३ महिलाएं शामिल थीं। पांच मृतकों की पहचान नहीं हो पाई, जिनमें तीन महिलाएं भी थीं।

इन हत्याओं में ११ मामले लक्षित हत्याओं के थे, जबकि १० लोगों की मौत हिरासत में हुई। १० शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए। ऑनर किलिंग के चार मामले सामने आए, वहीं हवाई हमलों में भी चार लोगों की जान गई। अंधाधुंध फायरिंग में दो लोगों की जान गई, जबकि एक व्यक्ति बाद में चोटों के कारण मर गया।

इस बीच, बुधवार को बलूचिस्तान के केच जिले में एक ही परिवार के चार सदस्यों के जबरन गायब होने के विरोध में बलूच परिवारों ने धरना दिया। इस दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के एक महत्वपूर्ण राजमार्ग को लगातार दूसरे दिन भी जाम किया गया, जिससे अनेक क्षेत्रों में यातायात बाधित हुआ।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बलूचिस्तान में हो रही घटनाएं हमारे मानवाधिकारों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

बलूचिस्तान में अपहरण के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
सुरक्षा बलों की संलिप्तता और मानवाधिकारों का उल्लंघन इसके मुख्य कारण हैं।
इन घटनाओं का विरोध कैसे किया जा रहा है?
बलूच परिवारों ने धरने और प्रदर्शन के माध्यम से विरोध किया है।
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