क्या पाकिस्तान में बेरोजगारी की समस्या गंभीर हो गई है?
सारांश
Key Takeaways
- बेरोजगारी की दर 7.8 फीसदी है।
- लगभग 1 करोड़ 87 लाख युवा बेरोजगार हैं।
- महिलाओं की श्रम बल भागीदारी दर बहुत कम है।
- शैक्षिक प्रणाली इस समस्या का मुख्य कारण है।
- आर्थिक संकट ने छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाया है।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में पहली बार डिजिटल जनगणना हुई है, जिससे यह स्पष्ट हुआ है कि बेरोजगारी की दर अत्यधिक बढ़ चुकी है। 7.8 फीसदी युवा नौकरियों के बिना हैं, अर्थात 24 करोड़ 15 लाख की आबादी वाले इस देश में लगभग 1 करोड़ 87 लाख युवा बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं।
पाकिस्तान ऑब्जर्वर द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट ने देश की वास्तविकता को उजागर किया है। यह रिपोर्ट बेबस पाकिस्तानियों और निर्लिप्त हुक्मरानों की विफलता को दर्शाती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह बेरोजगारी दर उन लोगों की चिंता नहीं करती जो नीट (एनईईटी) हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 15 से 35 वर्ष
प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, कार्य करने की आयु के 17.17 करोड़ लोगों में से 11 फीसदी बेरोजगार हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नीट समूह में वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने नौकरी की तलाश पूरी तरह से बंद कर दी है, या असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
महिलाओं की स्थिति भी चिंताजनक है, जहां महिला श्रम बल की भागीदारी दर बेहद कम है।
पाकिस्तानी शैक्षिक व्यवस्था को भी इस स्थिति का दोषी ठहराया गया है, जो युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करने में असमर्थ है।
आर्थिक संकट, महंगाई और बाढ़ के कारण छोटे व्यवसायों को भी भारी नुकसान हुआ है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि नीति में सुधार नहीं हुआ, तो यह स्थिति युवाओं और देश के लिए दीर्घकालिक आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकती है।
बेरोजगारी केवल आर्थिक समस्या नहीं है, बल्कि यह अन्य गंभीर सामाजिक मुद्दों को भी जन्म देती है।
अंत में, यह रिपोर्ट पाकिस्तान के हुक्मरानों की विफलता को उजागर करती है और युवाओं को एक सुनहरे भविष्य का अवसर देने में असमर्थता को दिखाती है।