क्या केंद्र सरकार की 'दीन दयाल अंत्योदय योजना' पलामू की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है?
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का अवसर
- स्वयं सहायता समूहों का गठन
- सरल लोन की सुविधा
- कौशल प्रशिक्षण का महत्व
- सामाजिक कुरीतियों में कमी
पलामू, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की 'दीनदयाल अंत्योदय योजना' ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है। इस योजना के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूह स्थापित किए जाते हैं, जिन्हें सरल लोन, कौशल प्रशिक्षण और मार्केट लिंक प्रदान करके रोजगार आरंभ करने में सहायता की जा रही है। झारखंड के पलामू की एक बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है।
योजना की लाभार्थी और ट्रेनर सुषमा देवी ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि उन्होंने एक एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षण लिया और अब अचार-पापड़ जैसी खाद्य सामग्रियाँ बनाकर बाजार में बेच रही हैं। वे अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही हैं।
सुषमा देवी ने कहा, "पहले हमें घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद हमारी सोच में बदलाव आया है। आज बैंक भी बिना गारंटी लोन दे रहे हैं। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिनकी वजह से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और परिवार की जिम्मेदारियाँ भी निभा रही हैं।"
स्वयं सहायता समूह की सदस्य सावित्री कुमारी ने कहा, "समूह से जुड़ने के बाद मेरी जिंदगी में बदलाव आया है। पहले महिलाएँ केवल घर तक सीमित थीं, लेकिन इस योजना ने उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर दिया है।"
मेदिनीनगर के सिटी मैनेजर सतीश कुमार ने कहा, "'राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन' ग्रामीण महिलाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस योजना के कारण कई सामाजिक कुरीतियों, खासकर घूंघट प्रथा, में कमी आई है। महिलाएं स्वतंत्र होकर समाज में अपनी भूमिका निभा रही हैं।"
आपको बता दें कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'दीनदयाल अंत्योदय योजना' के अंतर्गत 'राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन' ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। 2011 में ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को संगठित करके स्वरोजगार से जोड़ना है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं गरीबी रेखा से ऊपर उठ सकें।
सरकार का लक्ष्य है कि हर ग्रामीण गरीब परिवार की कम से कम एक महिला आर्थिक रूप से सक्षम हो और उसकी स्थायी आय का स्रोत तैयार हो।