क्या पैनम कोल माइंस की संपत्ति कुर्क होगी? झारखंड हाईकोर्ट का आदेश

सारांश
Key Takeaways
- झारखंड हाईकोर्ट ने पैनम कोल माइंस की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।
- पैनम कोल माइंस पर 118 करोड़ रुपये की रॉयल्टी बकाया है।
- स्थानीय लोगों में असंतोष और पर्यावरणीय नुकसान की समस्या है।
रांची, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड हाईकोर्ट ने रॉयल्टी बकाया रखे जाने के मामले में पैनम कोल माइन्स कंपनी की संपत्ति पर कुर्की जब्ती के आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि संपत्ति कुर्क करने में बंगाल के वर्धमान जिले के एसपी भी झारखंड पुलिस को सहयोग करें।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि पैनम कोल माइंस पर कोयला खनन के एवज में 118 करोड़ रुपये की रॉयल्टी बकाया है। झारखंड के दुमका जिले के अधिकारी ने इस मामले में कंपनी के खिलाफ वारंट और कुर्की का आदेश पहले ही जारी कर दिया था, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने दुमका और पाकुड़ जिलों में कोयला खनन के लिए पैनम माइंस कंपनी को लीज पर जमीन दी थी। आरोप है कि कंपनी ने लीज की शर्तों का उल्लंघन करते हुए तय मात्रा से अधिक कोयला खनन किया, जिससे राज्य सरकार को 100 करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ।
स्थानीय ग्रामीणों और कई संगठनों ने जब यह मामला उठाया, तो इसकी जांच कराई गई। जांच में कंपनी द्वारा अवैध खनन के कारण सरकार को राजस्व हानि की पुष्टि हुई। इसके बावजूद, सरकार ने अब तक कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की है। जनहित याचिका दाखिल करने वाले वकील राम सुभग सिंह ने अदालत को बताया कि पैनम माइंस के प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को न तो पुनर्वास की सुविधा मिली और न ही अन्य मौलिक सहूलियतें। इसके चलते स्थानीय लोगों में असंतोष है और पर्यावरणीय नुकसान भी सामने आए हैं। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 11 अगस्त निर्धारित की है।