क्या बिहार में कांग्रेस के बिना इंडिया गठबंधन का कोई वजूद है?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की भूमिका महागठबंधन में महत्वपूर्ण है।
- आरजेडी को सीटों का बंटवारा सही तरीके से करना होगा।
- राजनीतिक एकता की आवश्यकता है।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं।
- बिहार की जनता बदलाव चाहती है।
पूर्णिया, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में महागठबंधन के सीट बंटवारे और बिहार की सियासी हालात पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को नसीहत दी कि यदि वह महागठबंधन का नेतृत्व करना चाहता है, तो उसे बड़ा दिल दिखाना होगा।
पप्पू यादव ने सुझाव दिया कि आरजेडी को 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जबकि शेष सीटें कांग्रेस, माले और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच बांट दी जानी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसे खासकर सीमांचल क्षेत्र में अधिक सीटें मिलनी चाहिए। कांग्रेस के बिना इंडिया गठबंधन का कोई वजूद नहीं है।
पप्पू यादव ने जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "प्रशांत किशोर ना तीन में हैं, ना तेरह में। वे बस इस इंतजार में हैं कि दूसरे दलों के नेता आएं, ताकि वह उन्हें टिकट दे सकें।"
इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एनडीए में आपसी फूट साफ दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) न तो चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को और न ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को तवज्जो दे रही है।
उन्होंने दावा किया कि जेडीयू में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर घमासान मचा हुआ है और भाजपा इसे रोकने की कोशिश में जुटी है।
चुनाव आयोग पर भी पप्पू यादव ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा को पिछले दरवाजे से सत्ता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने एनडीए के नेताओं के सम्मान की कमी का जिक्र करते हुए कहा कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। बिहार की जनता बदलाव चाहती है और महागठबंधन को एकजुट होकर जनता के हित में काम करना चाहिए।
राष्ट्र प्रेस
एकेएस/डीकेपी