क्या पश्चिम बंगाल में कुख्यात हथियार डीलर की गिरफ्तारी ने अपराधियों के हौसले तोड़े?
सारांश
Key Takeaways
- दीपांकर शुक्ला की गिरफ्तारी से अवैध हथियारों की सप्लाई चेन पर नियंत्रण मिला है।
- पुलिस ने अवैध हथियारों की तस्करी में सक्रिय अपराधियों पर कड़ी नजर रखी है।
- इस घटना से क्षेत्र में अपराध को रोकने में मदद मिलेगी।
खड़गपुर, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। खड़गपुर टाउन पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर निमपुरा के राख जंगल क्षेत्र में छिपी पुलिस टीम ने कुख्यात हथियार डीलर दीपांकर शुक्ला को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
आरोपी के पास से एक 9 एमएम पिस्टल, पांच राइफलें, एक चाकू और 17 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इनमें से 16 कारतूस 7.65 एमएम के और एक 8 एमएम का था। गिरफ्तार आरोपी का घर खड़गपुर शहर के वार्ड नंबर 9 के कुमोरपारा इलाके में स्थित है।
खड़गपुर टाउन पुलिस स्टेशन के प्रभारी पार्थसारथी पाल के नेतृत्व में विशेष टीम ने जंगल में घेराबंदी की थी। सूचना मिली थी कि यहां हथियारों की बड़ी खेप की खरीद-फरोख्त होने वाली थी। दीपांकर शुक्ला हथियार सौंपने पहुंचा था, तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी पहले भी अवैध हथियारों की तस्करी के मामलों में शामिल रहा है। उसने खुलासा किया कि ये हथियार खड़गपुर के खरीदा इलाके के आर. उमेश कुमार और जमशेदपुर निवासी राधेश्याम सिंह को सप्लाई करने थे।
दोनों खरीदार कुख्यात अपराधी हैं। आर. उमेश कुमार और राधेश्याम सिंह रेलवे माफिया श्रीनू नायडू हत्या मामले के आरोपी रह चुके हैं। राधेश्याम सिंह ड्रग्स तस्करी के एक मामले में भी जेल जा चुका है और हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ था। शुरुआती जांच में सामने आया कि एक नया गैंग इन हथियारों से बड़ी वारदात, संभवतः हत्या की योजना बना रहा था। उमेश और राधेश्याम उस गैंग के सक्रिय सदस्य थे। पुलिस ने दोनों की धरपकड़ के लिए छापेमारी शुरू कर दी है और उन्हें निगरानी में रखा गया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई इलाके में अपराधियों के हौसले तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है। अवैध हथियारों की सप्लाई चेन पर लगाम लगाने से कई संभावित वारदातें रुक गई हैं। आरोपी दीपांकर के खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।