क्या पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में बारिश ने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी?

सारांश
Key Takeaways
- मिदनापुर में बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी है।
- कई ग्राम पंचायतें जलमग्न हो चुकी हैं।
- राहत शिविरों में पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की गई है।
- आपदा प्रबंधन विभाग सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
- स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।
मिदनापुर, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में लगातार बारिश के चलते एक बड़े क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। पहले से ही गरबेटा-1 ब्लॉक की 11 ग्राम पंचायतें और गरबेटा-2 ब्लॉक की 3 ग्राम पंचायतें शिलावती नदी के जल से घिरी हुई हैं। अब चंद्रकोना समेत घाटल उपखंड के कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जानकारी के अनुसार, हजारों प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में पहुँचाया जा रहा है। बाढ़ केंद्रों में पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की गई है।
तीन क्षेत्रों से सौ से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। हालांकि, पलासिया क्षेत्र में पाथरबेरिया नदी घाट के पास एक घर के लोगों को अब तक नहीं बचाया जा सका है। ब्लॉक के आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी उन्हें तेजी से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, स्थानीय और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, गरबेटा के दो (1 और 2) ब्लॉकों में कई सड़कें और पुल भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। हजारों मिट्टी के घरों के भी बर्बाद होने की आशंका है। शिलावती नदी के जल ने गरबेतर मायता से बांकुरा होते हुए गोलटोर तक पक्की सड़क को तोड़ दिया है, जिसके कारण संपर्क टूट गया है। इसके अलावा, यह आशंका है कि शिलावती नदी के किनारे की कई सौ बीघा जमीन भी पानी में डूब सकती है। शालबनी के औलारा क्षेत्र में एक बांस का पुल भी टूट गया है।
पश्चिम मिदनापुर जिले के चंद्रकोना के घोषकिरा गांव में शिलाबती नदी का बाँध टूट गया है। घोषकिरा, सिरसा, धर्मपोटा, कल्ला, खुर्शी, धईखंडा गांवों में पानी भरने लगा है। इन गांवों और चंद्रकोना समेत आस-पास के क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है। घोषकिरा समेत ये सभी गांव एक तरफ शिलावती और दूसरी तरफ केथिया और काना नदियों से घिरे हुए हैं। घाटाल उपमंडल प्रशासक सुमन बिस्वास ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राहत के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।