क्या पटना एम्स में डॉक्टरों की हड़ताल और विधायक चेतन आनंद के विवाद ने बढ़ाई अराजकता?
सारांश
Key Takeaways
- अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन
- कानून सभी के लिए समान
- विधायक चेतन आनंद का विवाद बढ़ता जा रहा है
- रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल
- स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव
दानापुर, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पटना एम्स में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया कि जो भी अराजकता फैलाएगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर हों या विधायक, कानून सभी के लिए समान है।
पटना एम्स में विधायक चेतन आनंद और डॉक्टरों के बीच हुए विवाद के संदर्भ में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के लिए कानून का पालन आवश्यक है। चाहे वह विधायक हो या डॉक्टर, हर किसी की मर्यादा है और इसका उल्लंघन किसी को भी नहीं करना चाहिए। अराजकता को सहन नहीं किया जाएगा। मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, 30 जुलाई को रात करीब 12 बजे, चेतन आनंद अपने समर्थकों के साथ एम्स पहुंचे थे। वहां किसी बात को लेकर उनका विवाद अस्पताल के गार्ड और जूनियर डॉक्टरों से हुआ। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान मारपीट और धक्का-मुक्की भी हुई।
चेतन आनंद को लगभग आधे घंटे तक एक कमरे में बंधक बनाए रखने की खबर है। यह मामला धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इस घटना के संबंध में फुलवारीशरीफ थाना में लिखित शिकायत दर्ज की गई है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस समय एम्स प्रशासन और पुलिस अधिकारी दोनों पक्षों से बयान ले रहे हैं।
चेतन आनंद और उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई झड़प के बाद शुक्रवार को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टर विरोध मार्च निकालते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए। रेजिडेंट डॉक्टरों का आरोप है कि विधायक के सुरक्षाकर्मियों ने अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की।
उनका कहना है कि जब तक विधायक लिखित में माफी नहीं मांगते, दोषी सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती और डॉक्टरों व गार्ड पर दर्ज केस वापस नहीं लिए जाते, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।