क्या पटना में छठ पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं?
सारांश
Key Takeaways
- छठ पूजा 25 अक्टूबर से शुरू हो रही है।
- इसमें व्रति 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं।
- प्रशासन ने सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
- गंगा घाटों की सफाई और व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है।
- इस पर्व से आस्था और समर्पण का संदेश मिलता है।
पटना, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 25 अक्टूबर से आरंभ होने जा रहा है। यह पूजा चार दिनों तक चलेगी, जिसकी शुरुआत 25 अक्टूबर को 'नहाए खाए' से होगी। 26 अक्टूबर को 'खरना', 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर यह पर्व समाप्त होगा।
छठ पूजा को सर्वाधिक कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस दौरान व्रति 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं। इस पर्व में सूर्य और छठी मैया की उपासना की जाती है, जो भक्तों के लिए आस्था और समर्पण का प्रतीक है।
पटना में इस महापर्व की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमें घाटों की सफाई और व्यवस्था में जुटी हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
नगर निगम के अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि कई गंगा घाटों को चिन्हित कर कार्य किया जा रहा है। बांस घाट पर गंगा के जलस्तर की कमी के कारण बैरिकेटिंग में कुछ चुनौतियां हैं लेकिन 'नहाए खाए' से पहले सभी घाटों को सुरक्षित कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि घाटों पर लाइट, पार्किंग, मेडिकल टीम, पेयजल, चेंजिंग रूम और बाथरूम की व्यवस्था की जा रही है। बांस घाट पर व्रतियों को गंगा तक पहुंचने के लिए मात्र 700 मीटर पैदल चलना होगा।
मनोज कुमार ने बताया कि घाटों पर मजदूरों के साथ मशीनों को भी लगाया गया है ताकि काम जल्द पूरा किया जा सके। बाढ़ की वजह से घाटों पर कटान बढ़ गया था, जिसे ठीक किया जा रहा है। पानी की गहराई को ध्यान में रखते हुए सूचना बोर्ड भी लगाए जाएंगे, जिससे लोग गहरे पानी में न जाएं।
जिला प्रशासन ने भक्तों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, ताकि यह पर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो सके। हर घाट पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, और सिविल कपड़ों में पुलिस प्रशासन को तैनात किया जाएगा।