क्या पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने स्वच्छता और सुशासन के लिए विशेष अभियान चलाया?
सारांश
Key Takeaways
- स्वच्छता को संस्थागत बनाना
- स्थिरता को बढ़ावा देना
- लंबित मामलों का कुशल निपटान
- ई-कचरा प्रबंधन में सुधार
- सकारात्मक प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और इसके अंतर्गत आने वाले कार्यालयों, स्वायत्त संस्थाओं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने 2 से 31 अक्टूबर 2025 तक एक महत्वपूर्ण अभियान में भाग लिया। यह अभियान प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा निर्देशित विशेष अभियान 5.0 (एससीडीपीएम 5.0) के अंतर्गत चलाया गया।
इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छता को संस्थागत बनाना, स्थिरता को बढ़ावा देना और मंत्रालय तथा इसके संगठनों में लंबित मामलों का प्रभावी निपटान करना था।
विशेष अभियान 5.0 में ई-कचरा प्रबंधन, रिकॉर्ड प्रबंधन, स्थान का बेहतर उपयोग और शिकायतों के त्वरित समाधान जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह भारत सरकार के स्वच्छता, डिजिटल परिवर्तन और सुशासन के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
अभियान के दौरान, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए। लंबित सार्वजनिक शिकायतों और अन्य संदर्भों का सफलतापूर्वक निपटान करने के साथ-साथ, विभिन्न कार्यालयों में कुल 228 अभियान चलाए गए। 28,489 फिजिकल और ई-फाइलों की समीक्षा की गई, जिनमें से 10,755 फाइलें बंद कर दी गईं या हटा दी गईं। मंत्रालय ने स्क्रैप निपटान के माध्यम से 4.14 करोड़ रुपए का राजस्व भी अर्जित किया और 1.11 लाख वर्ग फुट स्थान खाली किया। इसके परिणामस्वरूप कार्यालय स्थान प्रबंधन में सुधार हुआ और एक स्वच्छ, अधिक पर्यावरण-अनुकूल कार्यस्थल तैयार हुआ।
विशेष अभियान 5.0 के दौरान मंत्रालय और उसके संगठनों ने कई उत्कृष्ट कार्यप्रणालियाँ अपनाई। इनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वर्मीकंपोस्टिंग इकाई की स्थापना, अपशिष्ट को धन और उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करने में गैर-सरकारी संगठनों और सामाजिक उद्यमों की सक्रिय भागीदारी, विशेष अभियान 5.0 रथ का शुभारंभ, समुद्री क्षेत्रों से मृत समुद्री घास को हटाना, कबाड़ सामग्री से अद्वितीय संरचनाओं का निर्माण और प्रभावी ई-कचरा प्रबंधन पहल शामिल हैं।
इन समन्वित प्रयासों के माध्यम से, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने स्वच्छता, स्थिरता और सुशासन के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इससे समुद्री क्षेत्र में कुशल और पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित हुआ है।