क्या चुनाव आयोग की मतदाता सूची फर्जी है? : पवन खेड़ा

सारांश
Key Takeaways
- पवन खेड़ा का आरोप है कि चुनाव आयोग की मतदाता सूची फर्जी है।
- भाजपा और चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ का शक है।
- अनुराग ठाकुर को इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची जल्दी मिली।
- राहुल गांधी के सवालों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
- मतदाता सूची में बदलाव पर सवाल उठाए गए हैं।
नई दिल्ली, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने हमारी बात की पुष्टि कर दी है कि चुनाव आयोग की मतदाता सूची फर्जी है।
खेड़ा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि पहले विपक्ष यही कह रहा था, अब सत्ता पक्ष भी यही कह रहा है। एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि हमें इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची प्राप्त करने में छह महीने लगे, जबकि अनुराग ठाकुर को यह मात्र दो दिनों में मिल गई। इससे हमारे इस दावे की पुष्टि होती है कि भाजपा और चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ है। जब अनुराग ठाकुर के पास इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची है, तो हम मांग करते हैं कि वह हमें वाराणसी की मतदाता सूची उपलब्ध कराएं।
खेड़ा ने कहा कि अब तो अनुराग ठाकुर और भाजपा भी सवाल उठा रहे हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि राहुल गांधी के सवालों में कोई सच्चाई न हो और जब भाजपा वही सवाल उठाती है तो चुनाव आयोग चुप रहता है। चुनाव आयोग को तथ्यों की जांच करनी चाहिए और अनुराग ठाकुर को अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए।
मतदाता सूची के मुद्दे को उठाने पर केएन राजन्ना के मंत्री पद से इस्तीफा देने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि ये बदलाव कब किए गए? कौन कर रहा था? भारत का चुनाव आयोग को इन सभी सवालों का जवाब देना चाहिए।
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया चुनाव में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी की जीत और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा उनकी जीत सुनिश्चित करने में मदद के दावे के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि अगर भाजपा के दो उम्मीदवार हैं, तो क्या हमें वोट नहीं देना चाहिए? कौन जानता है, आज रूडी भाजपा में हैं, कल वह कहीं और होंगे।