क्या अनाज लेकर पहली मालगाड़ी कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुई है?
सारांश
Key Takeaways
- पहली खाद्यान्न मालगाड़ी कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुई।
- इससे खाद्यान्न की सप्लाई में सुधार होगा।
- किसानों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
- स्थानीय बाजारों को मजबूती मिलेगी।
- कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जाएगा।
जम्मू, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर रेलवे के जम्मू डिवीजन के अंतर्गत अनंतनाग गुड्स टर्मिनल का उद्घाटन 9 अगस्त 2025 को किया गया था। यह टर्मिनल कश्मीर घाटी को देश के राष्ट्रीय माल परिवहन नेटवर्क से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शुरुआती चरण में, पंजाब के रूपनगर से 21 बीसीएन वैगनों वाली पहली सीमेंट मालगाड़ी अनंतनाग गुड्स टर्मिनल तक पहुंचाई गई थी। इसके बाद औद्योगिक सामान, कच्चा माल, कारें और अन्य सामान भी यहां से देश के विभिन्न रेलवे डिवीजनों तक भेजा गया।
अब इसी कड़ी में, भारतीय खाद्य निगम की पहली खाद्यान्न मालगाड़ी को फिरोजपुर डिवीजन के अजीतवाल रेलवे स्टेशन से अनंतनाग गुड्स टर्मिनल के लिए हरी झंडी दिखाई गई है। यह ट्रेन 21 दिसंबर को अनंतनाग पहुंचेगी। इसमें 21 बीसीएन वैगनों में लगभग 1384 टन खाद्यान्न लदा हुआ है।
इस पहली खाद्यान्न ट्रेन से स्थानीय लोगों को बड़ा लाभ होगा। इससे कश्मीर घाटी के दूरदराज इलाकों में खाद्यान्न की सप्लाई आसानी से और बिना रुकावट पहुंचेगी। रेलवे द्वारा परिवहन होने के कारण खर्च कम होगा और समय भी बचेगा, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिलेगा।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस पहल से स्थानीय बाजारों को मजबूती मिलेगी, रोजगार के नए अवसर बनेंगे और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। भारतीय खाद्य निगम का लक्ष्य रेलवे के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और खाद्यान्न भंडारण का बेहतर प्रबंधन करना है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक उचित सिंघल ने कहा कि कश्मीर घाटी में पहली खाद्यान्न मालगाड़ी का पहुंचना एक ऐतिहासिक कदम है। यह घाटी की खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और क्षेत्र को खाद्य रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय खाद्य निगम और रेलवे भविष्य में इस सेवा को और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, ताकि कश्मीर के अन्य इलाकों तक भी ऐसी ट्रेनें चलाई जा सकें और पूरे क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके।