क्या अयोध्या में पेजावर मठ की टोली ने श्रीराम की स्तुति की? 65 महिलाओं की सहभागिता

सारांश
Key Takeaways
- अयोध्या की आध्यात्मिकता का अनुभव
- 65 महिलाओं की सामूहिक भागीदारी का महत्व
- पेजावर मठ का धार्मिक योगदान
- रामलला के दर्शन का सौभाग्य
- भारतीय संस्कृति में भक्ति का महत्व
अयोध्या, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रभु श्रीराम की पवित्र नगरी अयोध्या ने शुक्रवार को भक्ति के रस में डूबा हुआ वातावरण देखा, जब कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ से आई श्रद्धालुओं की टोली ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की यज्ञशाला में सामूहिक रूप से श्रीराम की स्तुति की और रामलला के दर्शन किए।
ट्रस्ट के आयोजन सहयोगी शैलेन्द्र शुक्ल ने जानकारी दी कि इस टोली का नेतृत्व कलावती ने किया, जिसमें 65 महिलाएं भी शामिल थीं। महिलाओं की यह विशेष भागीदारी आयोजन को और भी भावपूर्ण और जीवंत बना गई। सामूहिक स्वर में की गई स्तुति से मंदिर परिसर गूंज उठा और पूरा वातावरण भक्ति एवं आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
श्रद्धालुओं ने इस अवसर को अपने जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव बताया। उनका कहना था कि अयोध्या आकर रामलला के दर्शन और यज्ञशाला में स्तुति करना उनके लिए एक बड़ा सौभाग्य है। सामूहिक प्रार्थना के दौरान उपस्थित अन्य भक्त भी भाव-विभोर हो गए और कई लोग स्वतः ही स्तुति में शामिल हो गए।
पेजावर मठ का अयोध्या से गहरा आध्यात्मिक संबंध माना जाता है। पेजावर मठ का रामजन्मभूमि आंदोलन से प्रारंभ से जुड़ाव है और मठ ने राममंदिर के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए श्रद्धालुओं की टोली विशेष रूप से रामलला के दर्शन और मंदिर में सामूहिक भक्ति के लिए यहां पहुंची थी।
रामलला के समक्ष गूंजती स्तुति ने यह संदेश दिया कि अयोध्या न केवल भारत की आस्था का केंद्र है, बल्कि यह देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं को जोड़ने वाला आध्यात्मिक संगम भी है। ज्ञात रहे कि अयोध्या में राममंदिर के उद्घाटन के बाद से कई जानी-मानी हस्तियां दर्शन के लिए आ रही हैं। हाल ही में अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी रामलला के दर्शन किए और यहां की भव्यता की प्रशंसा की।