क्या पिता-पुत्र के बीच ‘कोल्ड वॉर’ है? राज्यसभा सीट को लेकर मांझी के बयान से संतोष सुमन ने बनाई दूरी
सारांश
Key Takeaways
- जीतन राम मांझी ने भाजपा से राज्यसभा सीट की मांग की।
- संतोष कुमार सुमन ने सार्वजनिक रूप से दूरी बनाई।
- राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हुआ।
- पिता-पुत्र के बीच मतभेद की अटकलें लगाई जा रही हैं।
- एनडीए गठबंधन की स्थिरता पर सवाल।
पटना, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी द्वारा भाजपा से राज्यसभा सीट की मांग को लेकर दिए गए बयान के बाद उनके बेटे और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने सार्वजनिक रूप से दूरी बना ली है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि यदि आगामी चुनाव में भाजपा उनकी पार्टी को राज्यसभा सीट नहीं देती है, तो हम को एनडीए गठबंधन छोड़ने पर विचार करना चाहिए। उनका दावा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने उनकी पार्टी को राज्यसभा सीट देने का वादा किया था, लेकिन बाद में वह वादा निभाया नहीं गया।
हालांकि, संतोष कुमार सुमन ने अपने पिता के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अनुचित बताया। उन्होंने कहा, “राज्यसभा की सीट इतनी आसानी से नहीं मिल जाती।”
संतोष ने स्पष्ट किया कि राज्यसभा सीट का मुद्दा कोई बड़ा विषय नहीं है और इसका हल गठबंधन के भीतर आपसी समझ और आंतरिक बातचीत से किया जाता है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे जैसे फैसले किसी एक व्यक्ति के बयान के आधार पर नहीं होते, बल्कि गठबंधन सहयोगियों की सामूहिक सहमति से तय किए जाते हैं।
वे यह भी बोले कि इस तरह के मुद्दों को सार्वजनिक मंच पर नहीं लाना चाहिए। एनडीए की मजबूती पर जोर देते हुए संतोष ने कहा कि बूथ स्तर पर सहयोगियों के बीच बेहतर तालमेल ही विधानसभा चुनावों में सफलता का मुख्य कारण रहा है।
जीतन राम मांझी और संतोष कुमार सुमन के बयानों में आए इस अंतर ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को तेज कर दिया है। हम के भीतर, खासकर पिता-पुत्र के बीच मतभेद या ‘कोल्ड वॉर’ की अटकलें लगाई जा रही हैं। इससे पहले भी बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान ऐसे मतभेद सामने आए थे।
ताजा घटनाक्रम ने इन राजनीतिक चर्चाओं को और हवा दे दी है। अब राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इस बात पर टिकी है कि हम नेतृत्व आंतरिक मतभेदों को कैसे संभालता है और एनडीए गठबंधन में अपनी स्थिति को कैसे बनाए रखता है।