क्या पीएम मोदी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात में शी जिनपिंग से मिलने का किया इंतजार?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।
- भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता पर बल दिया गया।
- भारत की सीमा विवाद के लिए निष्पक्ष समाधान की प्रतिबद्धता।
- तियानजिन में शी जिनपिंग से मुलाकात का इंतजार।
- भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति की उम्मीद।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की। इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। इसके साथ ही, उन्होंने सीमा विवाद के लिए निष्पक्ष, तर्कसंगत और दोनों देशों के लिए स्वीकृत समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
पीएम मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कीं और लिखा, "विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनाओं का सम्मान करते हुए लगातार प्रगति हुई है। मैं एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर तियानजिन में हमारी अगली मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं। भारत और चीन के बीच स्थिर, विश्वसनीय और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।"
प्रधानमंत्री ने पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई अपनी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में स्थिर और सकारात्मक प्रगति की सराहना की।
उन्होंने कहा, "आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भी शामिल है।"
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए तियानजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने की सहमति जताई। उन्होंने चीन की एससीओ अध्यक्षता का समर्थन किया और कहा कि वह तियानजिन में राष्ट्रपति शी से मुलाकात के लिए उत्सुक हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर, विश्वसनीय और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
बता दें कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। इस यात्रा के दौरान वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की वार्ता में शामिल होंगे।