क्या पीएम मोदी जनवरी में 6,957 करोड़ रुपए के काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर की आधारशिला रखेंगे?

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क्या पीएम मोदी जनवरी में 6,957 करोड़ रुपए के काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर की आधारशिला रखेंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी में काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना वन्यजीव संरक्षण और आधारभूत संरचना विकास के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। जानें, इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में और इसके संभावित लाभों के बारे में।

Key Takeaways

  • काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा है।
  • यह परियोजना असम के लिए आर्थिक विकास का एक माध्यम है।
  • यह कॉरिडोर वाहनों और वन्यजीवों के बीच टकराव को समाप्त करेगा।
  • इससे लगभग 35 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की संभावना है।

गुवाहाटी, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी में काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर की आधारशिला रखने जा रहे हैं। यह कॉरिडोर वन्यजीव संरक्षण और आधुनिक आधारभूत संरचना के विकास में असम के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

राज्य के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि पिछले साल यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल पर प्रधानमंत्री के दौरे के बाद इस परियोजना को गति मिली। यह 34.45 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स द्वारा स्वीकृत 6,957 करोड़ रुपए की परियोजना का हिस्सा है।

यह कॉरिडोर नेशनल हाईवे-37 पर स्थित है, जिसे अब एनएच-715 के नाम से जाना जाता है। यह नौ महत्वपूर्ण एनिमल कॉरिडोर के ऊपर से गुजरेगा, जो इकोलॉजिकली सेंसिटिव काजीरंगा लैंडस्केप से होकर गुजरता है। इसका उद्देश्य वाहनों और वन्यजीवों के बीच होने वाले टकराव को समाप्त करना है।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का हवाला देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान काजीरंगा की समृद्ध जैव विविधता से काफी प्रभावित हुए थे, जिससे इस परियोजना को प्राथमिकता देने में मदद मिली।

बोरा ने कहा, "हमें सूचित किया गया है कि प्रधानमंत्री एलिवेटेड कॉरिडोर की आधारशिला रखेंगे। यह असम के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि यह वन्यजीवों की रक्षा करेगा और कनेक्टिविटी में सुधार लाएगा।"

वर्तमान में, इस हाईवे से प्रतिदिन लगभग 5,000 से 6,000 वाहन गुजरते हैं। वार्षिक मानसून की बाढ़ के दौरान, जंगली जानवर—विशेष रूप से हाथी और हिरण—कार्बी आंगलोंग पहाड़ियों में सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए व्यस्त हाईवे को पार करने पर मजबूर होते हैं, जिससे अक्सर जानलेवा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

इस परियोजना से क्षेत्रीय विकास को भी एक बड़ा बढ़ावा मिलने की संभावना है। इसमें 85.67 किलोमीटर लंबे कालियाबोर-नुमालीगढ़ स्ट्रेच को चार लेन में परिवर्तित करना और जाखलाबंदा और बोकाखाट में ग्रीनफील्ड बाईपास का निर्माण शामिल है, ताकि शहरों के केंद्रों में भीड़ कम हो सके।

अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना से लगभग 35 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।

अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में लागू सफल वन्यजीव-अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल के आधार पर काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिल सकता है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि असम का विकास उसके नाजुक प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ संतुलित ढंग से हो।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि असम में काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर जैसे विकासात्मक प्रयास न केवल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देंगे, बल्कि वन्यजीव संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह परियोजना असम की जैव विविधता और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने में मदद करेगी।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य वन्यजीवों और वाहनों के बीच टकराव को समाप्त करना और क्षेत्रीय विकास में मदद करना है।
इस परियोजना से कितने लोगों को रोजगार मिलेगा?
इस परियोजना से लगभग 35 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।
काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई कितनी है?
यह कॉरिडोर 34.45 किलोमीटर लंबा है।
यह परियोजना कब शुरू होगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी में इसकी आधारशिला रखेंगे।
क्या यह परियोजना इको-टूरिज्म को प्रभावित करेगी?
हाँ, यह इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की संभावना रखती है।
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