क्या पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में आयुर्वेद और योग का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया है? : प्रतापराव जाधव

सारांश
Key Takeaways
- आयुर्वेद और योग का विश्व स्तर पर प्रचार
- 68 देशों के छात्र यहाँ पढ़ाई कर रहे हैं
- 234 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई
- पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित छात्र
- आयुर्वेदिक शिक्षा के लिए नया युग
जामनगर, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आई.टी.आर.ए), जो आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत है, देश का पहला आयुर्वेद संस्थान है जिसे राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्राप्त है। शनिवार को इस संस्थान का पहला दीक्षांत समारोह केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
प्रतापराव जाधव ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में आयुर्वेद से जुड़े सभी संस्थानों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया और आयुर्वेद शिक्षण-अनुसंधान की स्थापना की घोषणा की। इस संस्था में आयुर्वेद के क्षेत्र में अत्यधिक उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। यहाँ के चार छात्र पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। देश में आयुर्वेद से जुड़े प्रमुख संस्थानों के उच्च पदों पर यहां से पढ़े हुए छात्र कार्यरत हैं। करीब 68 देशों के छात्र यहाँ अध्ययन कर रहे हैं और यहाँ आकर पढ़ाई करने के लिए उत्साहित हैं। संस्थान में कई अनूठे कार्य हो रहे हैं, जो अन्यत्र देखने को नहीं मिलते। पीएम मोदी ने योग और आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार न केवल भारत बल्कि सम्पूर्ण विश्व में करने का संकल्प लिया है।"
केंद्रीय राज्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, "आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आई.टी.आर.ए), जामनगर के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर मुझे गर्व अनुभव हुआ। यह ऐतिहासिक अवसर भारत में आयुर्वेदिक शिक्षा और अनुसंधान की नई दिशा का प्रतीक है। नव-दीक्षित विद्यार्थियों, विद्वान शोधार्थियों एवं समर्पित शिक्षकों से संवाद करना प्रेरणादायक रहा। आई.टी.आर.ए, पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का अद्भुत समन्वय करते हुए राष्ट्रीय उत्कृष्टता का केंद्र बन चुका है। ऐसे संस्थान आयुष समृद्ध भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।"
दीक्षांत समारोह के दौरान विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. शेखर मांडे और आई.टी.आर.ए की गवर्निंग बॉडी के सदस्य उपस्थित रहे। संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. तनुजा नेसरी और उनकी टीम ने इस पहले दीक्षांत समारोह के लिए व्यापक प्रयास किए। समारोह में कुल 234 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जिनमें 143 एम.डी./एम.एस. के चिकित्सक, 35 एम. फार्म (आयुर्वेद), 2 एम. एससी. (मेडिसिनल प्लांट), 33 डिप्लोमा (आयुर्वेद फार्मेसी), 18 डिप्लोमा (नेचुरोपैथी), और 3 पी.जी. डिप्लोमा (वाई.एन.) के विद्यार्थी शामिल थे। विदेशों से आयुर्वेद का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को भी डिग्री प्रदान की गई।
समारोह में पांच वर्गों के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए। साथ ही सर्वश्रेष्ठ शोध और सर्वश्रेष्ठ शोध प्रकाशन के लिए दो विशेष मेडल भी दिए गए। इस दीक्षांत समारोह में कुल दो राष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू किए गए। इनमें सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (त्रिवेंद्रम) और फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (गाजियाबाद) के साथ सहयोग शामिल है। इन साझेदारियों के माध्यम से विज्ञान, तकनीक और चिकित्सा पद्धतियों का मिलन नए शोध और जनस्वास्थ्य संबंधी कार्य करेगा।