क्या पीएम मोदी का दौरा ऐतिहासिक है, जिससे भारत-ब्राजील के रिश्तों में मजबूती आएगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना।
- प्रधानमंत्री मोदी का इथेनॉल पर जोर।
- ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के जरिए वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करना।
- भारत को तकनीकी और वित्तीय सहयोग में वृद्धि का अवसर।
- दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का विज़न।
रियो डी जेनेरियो, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा से भारत और ब्राजील के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावनाएं उजागर हो गई हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जो भारत-ब्राजील संबंधों को और अधिक मजबूत करेगा।
शक्ति ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक श्रेयांस गोयल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में इस यात्रा को दोनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया।
उन्होंने कहा, "ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दोनों देशों के लिए एक शानदार अवसर है। ब्राजील और भारत ब्रिक्स के संस्थापक साझेदार हैं और हमारी दोस्ती 40 वर्षों से अधिक पुरानी है। यह मौका हमारे लिए अपनी प्रौद्योगिकी और प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने का है।"
गोयल ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का इथेनॉल के प्रति विशेष ध्यान रहा है। ब्राजील में इथेनॉल का उपयोग कई वर्षों से हो रहा है और भारत में भी पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने 2030 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा था, जिसे उनके प्रयासों से 2025 में ही हासिल कर लिया गया। अब ब्राजील के साथ प्रौद्योगिकी और वित्तीय सहयोग के जरिए हम और आगे बढ़ने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी का विज़न भारत और ब्राजील के रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।
गोयल ने आगे कहा, "मुझे विश्वास है कि पीएम मोदी के विज़न के कारण भारत जल्द ही वैश्विक स्तर पर नंबर एक स्थान हासिल करेगा। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और अन्य सेमिनारों में हम देख रहे हैं कि सभी देशों का भारत और हमारे प्रधानमंत्री के प्रति रुझान कई गुना बढ़ा है। मुझे यकीन है कि भारत अर्थव्यवस्था के मामले में चौथे स्थान पर नहीं, बल्कि बहुत जल्द पहले स्थान पर होगा।