क्या हमारे देश के विकास में भारत का बड़ा योगदान है? पीएम मोदी का संसद संबोधन ऐतिहासिक: इथियोपिया की मंत्री
सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का इथियोपिया दौरा ऐतिहासिक है।
- भारत और इथियोपिया के बीच गहरे संबंध हैं।
- इथियोपिया में भारत का निवेश महत्वपूर्ण है।
- भारत ने इथियोपिया के विकास में कई योगदान दिए हैं।
- यह दौरा दोनों देशों के लिए नई संभावनाएँ खोलता है।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के विदेश दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान वे इथियोपिया गए, जहां उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया' से सम्मानित किया गया। उन्होंने इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित किया। इथियोपिया की महिला एवं सामाजिक मामलों की मंत्री, डॉ. एर्गोगी टेसफाये ने पीएम मोदी के दौरे को दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण बताया।
एर्गोगी टेसफाये ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "हमारा एक लंबा इतिहास है जो हमें एक साथ लाता है। ऐसे इथियोपियाई थे जिन्होंने भारत की आजादी का समर्थन किया, और ऐसे भारतीय थे जिन्होंने इथियोपिया को उपनिवेशवाद का विरोध करने में मदद की। मैं यह भी देखती हूं कि इथियोपिया की ऊर्जा—शेर की भावना—गुजराती भारतीयों के दिलों में झलकती है। यह हमारे लोगों के बीच एक मजबूत साझेदारी और गहरी सांस्कृतिक घनिष्ठता को दर्शाता है।"
उन्होंने कहा, "बेशक, भारत कई तरीकों से इथियोपिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारतीय शिक्षक ऐतिहासिक रूप से इथियोपियाई छात्रों को पढ़ाने के लिए यहाँ आए हैं, और आज भी, प्रशिक्षक और प्रोफेसर उच्च शिक्षा संस्थानों में काम कर रहे हैं और अपनी विशेषज्ञता का योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा, भारतीय इथियोपिया में दूसरे सबसे बड़े निवेशक हैं, जिन्होंने विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में लंबे समय से निवेश किया हुआ है। यह स्पष्ट रूप से इथियोपिया के समग्र विकास में भारत के योगदान को उजागर करता है।"
टेसफाये ने कहा, "यह पहली बार है कि कोई विदेशी प्रधानमंत्री संसद के दोनों सदनों को संबोधित कर रहे हैं। महामहिम का संदेश महत्वपूर्ण था, जिसमें दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों पर जोर दिया गया—न केवल सरकारी स्तर पर, बल्कि लोगों के बीच संबंधों के जरिए भी। पीएम मोदी ने इस बात पर बल दिया कि लोकतंत्र इस रिश्ते के केंद्र में है। दोनों सदन लोगों द्वारा चुने जाते हैं और पूरे देश में लोकतांत्रिक शासन चलाने के लिए मौजूद हैं।"
बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार को इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यह दुनिया की 18वीं संसद है, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण दिया। पीएम ने कहा कि "मुझे इथियोपिया आकर बहुत अच्छा लग रहा है। यह शेरों की धरती है। यहां मुझे अपने घर जैसा महसूस हो रहा है, क्योंकि मेरा गृहराज्य गुजरात भी शेरों की धरती है।"