क्या पीएम मोदी श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच बातचीत के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करेंगे?

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क्या पीएम मोदी श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच बातचीत के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करेंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच हुई ऐतिहासिक बातचीत के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय और एकता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। क्या यह समारोह देश में सामाजिक बदलाव की नई राह प्रशस्त करेगा?

Key Takeaways

  • सामाजिक न्याय का महत्व
  • एकता की आवश्यकता
  • आध्यात्मिक सौहार्द का प्रतीक
  • श्री नारायण गुरु का योगदान
  • महात्मा गांधी का दृष्टिकोण

नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच हुई ऐतिहासिक बातचीत के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम 24 जून को सुबह 11 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होगा।

पीएम मोदी इस समारोह के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित भी करेंगे। यह ऐतिहासिक बातचीत 12 मार्च 1925 को केरल के शिवगिरि मठ में महात्मा गांधी के दौरे के दौरान हुई थी, जिसमें वैकम सत्याग्रह, धार्मिक परिवर्तन, अहिंसा, छुआछूत उन्मूलन, मोक्ष की प्राप्ति और समाज के वंचित वर्गों के उत्थान जैसे विषयों पर चर्चा हुई थी।

श्री नारायण धर्म संगम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस समारोह में आध्यात्मिक नेता और अन्य लोग इकट्ठा होंगे ताकि इस दूरदर्शी संवाद को याद किया जाए और उसका सम्मान किया जाए, जो देश के सामाजिक और नैतिक ढांचे को आज भी आकार दे रहा है।

यह समारोह सामाजिक न्याय, एकता और आध्यात्मिक सौहार्द की साझा दृष्टि का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जिसे श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी ने बढ़ावा दिया था।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में शिवगिरि मठ का दौरा किया था, जो 20वीं सदी के महान संत और समाज सुधारक श्री नारायण गुरु द्वारा स्थापित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र है। उन्होंने वहां गुरु की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

पीएम मोदी ने मठ के संन्यासियों के साथ तिरुवनंतपुरम से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित शिवगिरि पहाड़ी पर कुछ समय बिताया था और 'महा समाधि मंडपम्' में पूजा की थी, जो गुरु का अंतिम विश्राम स्थल है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था, "इस 'पवित्र स्थान' और संतों के आशीर्वाद से उन्हें समाज के गरीब, पिछड़े और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए काम करने की शक्ति मिली है। हिंदू धर्म में जब भी समाज में बुराइयां बढ़ती हैं, तो उसे बचाने के लिए महान लोग जन्म लेते हैं। श्री नारायण गुरु ने लोगों को जागृत किया और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एकजुट किया।"

Point of View

मैं मानता हूं कि इस समारोह का उद्घाटन हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल हमारे इतिहास को समर्पित है, बल्कि आज के समाज के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन सकता है। हमें इस तरह के आयोजनों का समर्थन करना चाहिए जो सामाजिक समरसता और न्याय को बढ़ावा देते हैं।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

शताब्दी समारोह का उद्घाटन कब होगा?
यह समारोह 24 जून को सुबह 11 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में होगा।
इस समारोह में कौन-कौन भाग लेगा?
इस समारोह में आध्यात्मिक नेता और अन्य प्रमुख लोग शामिल होंगे।
महात्मा गांधी और श्री नारायण गुरु के बीच बातचीत कब हुई थी?
यह ऐतिहासिक बातचीत 12 मार्च 1925 को हुई थी।