क्या आप पवित्र 'जोड़े साहिब' के दर्शन करने आएंगे? पीएम मोदी की अपील

सारांश
Key Takeaways
- पवित्र 'जोड़े साहिब' का महत्व और इतिहास
- गुरु चरण यात्रा के मार्ग और समय
- दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की भूमिका
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के परिवार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पिछले तीन सौ वर्षों से सुरक्षित रखे गए श्रीगुरु गोबिंद सिंह जी एवं माता साहिब कौर जी के पवित्र 'जोड़े साहिब' को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंपा है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अपील की है कि सभी श्रद्धालु पवित्र 'जोड़े साहिब' के दर्शन करने अवश्य आएं।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के पोस्ट को साझा करते हुए कहा कि गुरु चरण यात्रा श्रीगुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी के महान आदर्शों से हमारा संबंध और भी गहरा करे, यही मेरी कामना है। मैं उन सभी क्षेत्रों के लोगों से अनुरोध करता हूं, जहां यह यात्रा जाएगी कि वे पवित्र 'जोड़े साहिब' के दर्शन अवश्य करें।
इससे पूर्व, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि खालसा पंथ के संस्थापक, दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और माता साहिब कौर जी का पवित्र जोड़ा साहिब 'चरण सुहावा' पिछले 300 वर्षों से हमारे परिवार के पास है। आज मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि मेरा परिवार इन पवित्र अवशेषों को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंप रहा है। 22 अक्टूबर को गुरुद्वारा मोती बाग में एक विशेष कीर्तन समागम आयोजित किया जाएगा, जहां भक्त पवित्र 'जोड़े साहिब' के दर्शन कर सकेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद इस पवित्र जोड़े साहिब को गुरु चरण यात्रा में ले जाया जाएगा और तख्त श्री पटना साहिब में दशम पिता के जन्मस्थान पर स्थायी रूप से स्थापित किया जाएगा, जहां भक्त अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकेंगे।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि गुरु चरण यात्रा 23 अक्टूबर को गुरुद्वारा मोती बाग से प्रारंभ होगी और रात तक फरीदाबाद पहुंचेगी। 24 अक्टूबर को यह फरीदाबाद से आगरा, 25 अक्टूबर को बरेली, 26 नवंबर को महंगापुर, 27 नवंबर को लखनऊ, 28 नवंबर को कानपुर, 29 नवंबर को प्रयागराज, 30 नवंबर को वाराणसी से सासाराम, 31 नवंबर को गुरुद्वारा गुरु का बाग, पटना साहिब पहुंचेगी और 1 नवंबर की सुबह तख्त श्री पटना साहिब पहुंचेगी, जो यात्रा का समापन होगा।