क्या पीएम मोदी से मिलकर प्रवासियों को खुशी हुई?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी की यात्रा से प्रवासियों में उत्साह है।
- भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व का अनुभव किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी की नजदीकी मुलाकात ने भारतीय समुदाय को एकजुट किया।
- अर्जेंटीना में भारतीयों का स्वागत विशेष रहा।
- यह यात्रा भारतीय प्रवासियों के लिए एक सपना सच होने जैसा है।
ब्यूनस आयर्स, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा को लेकर भारतीय प्रवासियों और अर्जेंटीना के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर खुशी व्यक्त की और कहा कि हमें कभी नहीं लगा था कि हम पीएम मोदी को इतने निकट से देख पाएंगे।
भारतीय समुदाय की एक महिला सदस्य ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह हमारे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। हम कभी नहीं सोचते थे कि हम प्रधानमंत्री मोदी को इतने करीब से देखेंगे। उन्हें नजदीक से देखना जैसे पिछले जन्म का आशीर्वाद है। मुझे लगता है कि पीएम मोदी के रहते हम सुरक्षित हैं।"
एक अन्य भारतीय प्रवासी मनोज कुमार ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि प्रधानमंत्री यहां आए हैं। मैंने उनसे मुलाकात की है और यह बहुत अच्छी बात है। मैं उनसे सात साल पहले भी मिला था, जब वे यहां आए थे।"
प्रधानमंत्री मोदी की अर्जेंटीना यात्रा पर एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमें अपने देश में पीएम मोदी का स्वागत करके और उनसे मिलकर बहुत खुशी हो रही है। हमें उनका यहां स्वागत करके गर्व महसूस हो रहा है और यहां आमंत्रित होना हमारे लिए सम्मान की बात है।"
भारतीय प्रवासी समुदाय के एक सदस्य ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "हम भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और गर्व के साथ पीएम मोदी का यहां स्वागत कर रहे हैं। इतने लंबे समय के बाद उन्हें देखना खुशी की बात है। हम भारत से बहुत दूर रहते हैं और उनकी यात्रा हमें समुदाय से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है और हमें एक साथ लाती है।"
एक अन्य भारतीय प्रवासी ने कहा, "आज हमें प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का शानदार अवसर मिला और हम यहां आकर बहुत खुश हैं।"
एक बुजुर्ग महिला ने कहा, "मुझे अच्छा लग रहा है और बहुत खुशी हो रही है। ऐसा लग रहा है जैसे मैंने भगवान के दर्शन कर लिए हों, जब पीएम मोदी यहां पहुंचे और उन्हें देखकर ऐसा लगा कि जैसे मेरे लिए किसी मंदिर के दरवाजे खुल गए हों।"