क्या पीएम मोदी ने श्री नारायण गुरु जयंती पर श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया?

सारांश
Key Takeaways
- श्री नारायण गुरु का जीवन समाज में समानता और करुणा का संदेश देता है।
- उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
- वे जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने वाले एक सच्चे प्रणेता थे।
- उनके विचारों ने समाज में सुधार लाने में मदद की।
- उनकी जयंती पर हमें उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को श्री नारायण गुरु की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि श्री नारायण गुरु की शिक्षाएं आज भी गूंजती हैं।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "श्री नारायण गुरु की जयंती पर, हम उनके दृष्टिकोण और हमारे सामाजिक व आध्यात्मिक परिदृश्य पर उनके प्रभाव को याद करते हैं। समानता, करुणा और विश्व बंधुत्व की उनकी शिक्षाएं व्यापक रूप से गूंजती हैं। सामाजिक सुधार और शिक्षा को बढ़ावा देने का उनका आह्वान पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्री नारायण गुरु को समाज सुधारक, महान संत और दार्शनिक बताते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन समाज की बुराइयों को दूर करने और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।
शाह ने पोस्ट किया, "श्री नारायण गुरुदेव एक समाज सुधारक, महान संत और दार्शनिक थे, जिन्होंने अपना जीवन समाज की बुराइयों को दूर करने और हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उनके करुणा, समानता और ज्ञान का शाश्वत संदेश भारत को सही राह पर ले जाता है। हम उनकी जयंती पर उन्हें याद करते हैं।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने श्री नारायण गुरु की शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन निस्वार्थ प्रेम और करुणा का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "जो कुछ भी अपनी आत्मा की खुशी के लिए किया जाए, वह दूसरों की खुशी के लिए भी किया जाना चाहिए। रविवार को श्री नारायण गुरु की जयंती है, जिन्होंने निस्वार्थ प्रेम और करुणा का संदेश दिया।"
चंद्रशेखर ने ओणम पर्व के अवसर पर लोगों से अपील की कि जाति और धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर एकता का संदेश फैलाएं। राजीव चंद्रशेखर ने लिखा, "आइए, जाति और धर्म के भेदभाव से परे एकता का संदेश फैलाने वाले गुरुदेव की स्मृति में अच्छाई के इस ओणम पर्व का समापन करें। गुरुदेव की शिक्षाएं सदैव हमारे मन को प्रकाशित करती रहें।"
भाजपा के वरिष्ठ नेता पी. मुरलीधर राव ने भी श्री नारायण गुरु को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे सामाजिक न्याय के एक सच्चे प्रणेता थे जिन्होंने जाति-आधारित भेदभाव के विरुद्ध निडरता से संघर्ष किया।
उन्होंने पोस्ट किया, "महान दार्शनिक, आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक श्री नारायण गुरु को उनकी जयंती पर नमन। सामाजिक न्याय के एक सच्चे समर्थक, श्री नारायण गुरु ने जाति-आधारित भेदभाव के विरुद्ध निडरता से संघर्ष किया और सामाजिक समानता, सद्भाव और आध्यात्मिक जागृति को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी शिक्षाएं आज भी पीढ़ियों को एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करती हैं।