क्या पीएम मोदी एनडीए सांसदों के लिए रात्रि भोज की मेज़बानी करेंगे, और क्या चुनावों पर चर्चा होगी?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का एनडीए सांसदों के लिए रात्रि भोज आयोजित करना
- बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद की बैठक
- 54 टेबलों पर सांसदों की उपस्थिति
- सामूहिक राजनीतिक दिशा पर चर्चा
- विधानसभा चुनावों के लिए प्रारंभिक रणनीति
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को नई दिल्ली स्थित अपने निवास पर सभी एनडीए सांसदों के लिए एक विशेष रात्रि भोज का आयोजन करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद यह गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी।
इस भोज की योजना पहले संसद के पिछले सत्र में बनाई गई थी, लेकिन पंजाब में आई बाढ़ के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार, सभी एनडीए सांसदों के इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों के सांसदों को समन्वयित करने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ओडिशा और पश्चिम बंगाल के सांसदों के लिए व्यवस्थाओं का ध्यान रख रहे हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के सांसदों से बात करने का कार्य सौंपा गया है।
रात्रि भोज के लिए लगभग 54 टेबल लगाए गए हैं। प्रत्येक टेबल पर अलग-अलग गठबंधन भागीदारों के आठ सांसद और भाजपा सांसद उपस्थित रहेंगे।
हर टेबल पर एक केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे, और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री हर टेबल पर उपस्थित सांसदों के साथ समय बिताएंगे।
इस हफ्ते की शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने एनडीए सांसदों के साथ एक बैठक में सरकार के रोडमैप के बारे में चर्चा की थी, जिसमें विशेष रूप से लोक कल्याण और शासन से संबंधित प्राथमिकताओं पर जोर दिया गया था। डिनर मीटिंग के दौरान आगे के दिशा निर्देश भी साझा किए जाने की उम्मीद है।
सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित रात्रि भोज को गठबंधन भागीदारों के बीच खुली और रचनात्मक बातचीत के लिए एक मंच के रूप में योजना बनाई गई है।
इससे प्रधानमंत्री को विधायी प्राथमिकता पर विचार-विमर्श करने, सांसदों के वर्तमान सत्र के लिए सरकार के बड़े एजेंडे का आकलन करने और एनडीए की सामूहिक राजनीतिक दिशा को मजबूत करने का अवसर मिलने की उम्मीद है।
वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ नेता और सभी घटक दलों के सांसदों के इस बातचीत में शामिल होने की संभावना है।
इस बातचीत में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और असम में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रारंभिक रणनीति पर भी चर्चा होने की संभावना है।