क्या पीएम मोदी ने अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की है?

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क्या पीएम मोदी ने अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की है?

सारांश

अंबिकापुर के गार्बेज कैफे की अनोखी पहल की प्रधानमंत्री मोदी ने सराहना की है। इस पहल का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को भोजन में बदलना है। जानें कैसे यह इनोवेटिव आइडिया जरूरतमंदों की मदद कर रहा है।

Key Takeaways

  • गर्व की बात है कि पीएम मोदी ने गार्बेज कैफे की सराहना की।
  • एक किलो प्लास्टिक कचरे पर भरपेट खाना मिलता है।
  • इस पहल से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल रही है।
  • अंबिकापुर नगर निगम की अनोखी पहल स्वच्छता का मॉडल है।
  • जब समाज और प्रशासन मिलकर काम करते हैं, तो सकारात्मक बदलाव संभव हैं।

अंबिकापुर, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के स्वच्छता प्रयासों और अनोखे ‘गार्बेज कैफे’ की भरपूर प्रशंसा की है।

गार्बेज कैफे की कार्यकर्ता ज्ञान लता कुजूर ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि पीएम द्वारा इस पहल का उल्लेख हमारे शहर के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया, “हमारे कैफे में लोग एक किलोग्राम प्लास्टिक कचरे के बदले भरपेट खाना और आधा किलोग्राम कचरे के बदले नाश्ता प्राप्त करते हैं। यह व्यवस्था न केवल शहर को साफ रखने में मदद करती है, बल्कि जरूरतमंदों को भोजन भी उपलब्ध कराती है।”

ज्ञान लता कुजूर ने आगे बताया कि यह गार्बेज कैफे 2017-18 से संचालित है। इससे सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “पहले लोग सड़कों पर प्लास्टिक फेंक देते थे, लेकिन अब वही प्लास्टिक हमारे कैफे में लाया जाता है। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है।”

अंबिकापुर नगर निगम की यह पहल देशभर में स्वच्छता के मॉडल के रूप में देखी जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि अंबिकापुर की इस अनोखी पहल से यह संदेश मिलता है कि जब समाज और प्रशासन मिलकर कार्य करते हैं, तो कचरा भी किसी के लिए संसाधन बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 127वें एपिसोड में कहा कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। अंबिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे कैफे हैं, जहां प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई शख्स एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए तो उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है, और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाता है तो नाश्ता मिलता है। ये कैफे अंबिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा संचालित हैं।

Point of View

बल्कि यह संदेश भी दिया है कि जब समाज और प्रशासन एकजुट होते हैं, तो सकारात्मक परिणाम संभव हैं। यह उदाहरण पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

गार्बेज कैफे क्या है?
गार्बेज कैफे एक ऐसा कैफे है जहां लोग प्लास्टिक कचरा लाकर खाना प्राप्त कर सकते हैं।
इस पहल का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराना है।
क्या यह पहल सिर्फ अंबिकापुर में है?
वर्तमान में यह पहल अंबिकापुर में है, लेकिन इसे अन्य शहरों में भी लागू करने की योजना है।