क्या पीएम मोदी ने जीएसटी काउंसिल द्वारा दो टैक्स स्लैब को मंजूरी देने का स्वागत किया?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में दो टैक्स स्लैब 5% और 18% के रूप में लागू होंगे।
- बड़े सुधारों से आम जनता को राहत मिलेगी।
- कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र को भी लाभ होगा।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी गई है। पीएम मोदी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत कदम बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस निर्णय का स्वागत करते हुए लिखा, "अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान मैंने जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार लाने के हमारे इरादे के बारे में बात की थी। केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और प्रक्रियागत सुधारों के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया था, जिसका उद्देश्य आम आदमी के जीवन को आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जीएसटी काउंसिल ने सामूहिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती और सुधारों पर प्रस्तुत प्रस्तावों पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें केंद्र और राज्य शामिल हैं। इससे आम आदमी, किसानों, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाओं और युवाओं को लाभ होगा। व्यापक सुधार हमारे नागरिकों के जीवन में सुधार लाएंगे और सभी के लिए विशेष रूप से छोटे व्यापारियों और व्यवसायों के लिए व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करेंगे।"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी गई, जिसका उद्देश्य आम आदमी के जीवन को आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
काउंसिल ने मौजूदा 12 फीसदी और 28 फीसदी टैक्स स्लैब को समाप्त कर केवल दो स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी को लागू रखने का निर्णय लिया है। इस कदम से कर ढांचे को सरल बनाने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
वित्त मंत्री ने बैठक के बाद घोषणा की कि कई आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को कम किया गया है। इनमें हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, बार, शैंपू, टूथपेस्ट, टेबलवेयर, किचनवेयर, नूडल्स, पास्ता, खाद्य पदार्थ, साइकिल, कई दवाइयां, मेडिकल उपकरण और कृषि उपकरण शामिल हैं। इस कदम से दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी, जिससे मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं और छोटे व्यापारियों को विशेष रूप से लाभ होगा।
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में ये सुधार आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं। आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगने वाले हर टैक्स की कड़ी समीक्षा की गई है और ज्यादातर मामलों में दरों में भारी कमी आई है। श्रम प्रधान उद्योगों को अच्छा समर्थन दिया गया है। किसानों और कृषि क्षेत्र के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र को भी लाभ होगा। अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों को प्रमुखता दी जाएगी।