क्या प्राकृतिक आपदाएँ देश को दुखी कर रही हैं? पीएम मोदी ने राहत कार्यों में जुटे जवानों की सराहना की

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने आपदाओं पर चिंता व्यक्त की।
- राहत कार्यों में तकनीक का उपयोग किया गया।
- सभी नागरिकों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
- आपदा के समय मानवता की अहमियत को समझना चाहिए।
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारिश के मौसम में देश के विभिन्न भागों में आई प्राकृतिक आपदाओं पर गहरा दुख व्यक्त किया है। रविवार को रेडिया कार्यक्रम 'मन की बात' के 125वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा ने हर भारतीय को प्रभावित किया है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया, उनका दुख हम सभी का दुख है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस मानसून के मौसम में प्राकृतिक आपदाएं हमारे देश की परीक्षा ले रही हैं। पिछले कुछ हफ्तों में हमने बाढ़ और भूस्खलन का भयानक कहर देखा है। कहीं घर बर्बाद हो गए, तो कहीं खेत जलमग्न हो गए। इन घटनाओं में कई परिवारों का अस्तित्व प्रभावित हुआ है। तेज बहाव में पुल बह गए और सड़कें भी बर्बाद हो गईं, जिससे लोगों का जीवन संकट में आ गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में लगे सेना, एसडीआरएफ, और एनडीआरएफ जैसे सभी बचाव दलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जहाँ भी संकट आया, वहाँ के लोगों को बचाने के लिए हमारे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान और अन्य सुरक्षा बल दिन-रात काम में लगे रहे। जवानों ने तकनीकी संसाधनों का सहारा लिया। थर्मल कैमरे, लाइव डिटेक्टर, और स्निफर डॉग्स की मदद से ड्रोन से निगरानी की गई। ऐसे कई आधुनिक उपकरणों के माध्यम से राहत कार्य में तेजी लाने का प्रयास किया गया। हेलीकॉप्टर द्वारा राहत सामग्री पहुँचाई गई, और घायलों को एयरलिफ्ट किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आपदा की घड़ी में सेना ने मददगार बनकर सामने आई। स्थानीय लोग, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर, और प्रशासन, संकट के इस समय में सभी ने मिलकर हर संभव प्रयास किया।" इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उन सभी नागरिकों का दिल से धन्यवाद किया, जिन्होंने आपदा के समय मानवता को सबसे पहले रखा।