क्या पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी?

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क्या पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी गई है। उन्होंने तीनों सेनाओं के कमांडरों को संबोधित करते हुए संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार पर जोर दिया। यह सम्मेलन सशस्त्र बलों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • संयुक्तता और आत्मनिर्भरता पर जोर
  • भविष्य की चुनौतियों का सामना
  • सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण
  • महत्वपूर्ण निर्णयों का लेना
  • सैन्य तैयारियों की समीक्षा

नई दिल्ली, १५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी है। तीनों सेनाओं के सैन्य कमांडरों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों की संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने समुद्री डकैती रोधी अभियानों और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र निर्माण और मित्र देशों को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत प्रदान करने में भी सशस्त्र बलों की सराहना की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोलकाता में आयोजित १६वें संयुक्त (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) कमांडर्स सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सशस्त्र बलों की विभिन्न गतिविधियों पर अपने विचार साझा किए। यह सम्मेलन हर दो वर्ष में आयोजित किया जाता है और इसे सशस्त्र बलों का सर्वोच्च मंथन मंच माना जाता है, जिसमें देश के शीर्ष सैन्य और नागरिक नेतृत्व भविष्य की सैन्य तैयारियों पर विचार-विमर्श करते हैं।

इस वर्ष सम्मेलन का विषय ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स—ट्रांसफॉर्मिंग फॉर द फ्यूचर’ है, जो सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिवर्तन की प्रक्रिया से संबंधित है। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी और उनके द्वारा की गई विभिन्न महत्वपूर्ण गतिविधियों की सराहना की।

उन्होंने वर्ष २०२५ को रक्षा क्षेत्र में सुधारों का वर्ष बताते हुए रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिए कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और किसी भी परिस्थिति में विजयी होने के लिए ठोस कदम जल्द से जल्द लागू किए जाएं। प्रधानमंत्री को इस अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद बने नए परिदृश्य में सशस्त्र बलों की संचालनिक तत्परता, उभरती प्रौद्योगिकियों और युद्धक रणनीतियों के परिप्रेक्ष्य में भविष्य के युद्ध के बारे में अवगत कराया गया।

आने वाले दो दिनों में यह सम्मेलन विभिन्न संरचनात्मक, प्रशासनिक और संचालनिक मुद्दों की व्यापक समीक्षा करेगा, जिसमें सभी सेनाओं से प्राप्त फीडबैक, वैश्विक अस्थिरताओं के बीच भारत की सैन्य तैयारी और प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप आगे की रोडमैप पर गहन चर्चा होगी। भारतीय सशस्त्र बलों की यह एक बेहद महत्वपूर्ण ‘संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस’ है। इस सम्मेलन में थलसेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष कमांडर्स उपस्थित हैं। यहां साझा रणनीति, संयुक्त ऑपरेशन तथा विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस’ का उद्घाटन किया।

गौरतलब है कि कमांडर्स कांफ्रेंस के दौरान सेना से जुड़े अहम विषयों पर रणनीति तय की जाती है और कई महत्वपूर्ण विषयों पर बड़े निर्णय भी लिए जाते हैं। यह प्लेटफार्म भविष्य की रूपरेखा तय करने में भी विशेष योगदान देता है। १५ से १७ सितंबर तक पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस २०२५ का आयोजन हो रहा है।

Point of View

NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान है जिसमें सशस्त्र बलों ने समुद्री डकैती रोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस का उद्देश्य क्या है?
संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस का उद्देश्य सशस्त्र बलों के भविष्य की सैन्य तैयारियों पर चर्चा करना और रणनीतियों का निर्धारण करना है।
इस सम्मेलन में कौन-कौन शामिल हैं?
इस सम्मेलन में थलसेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष कमांडर्स शामिल हैं।