क्या पीएमएलए ट्रिब्यूनल ने हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से जब्त कार को वापस करने का आदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- पीएमएलए ट्रिब्यूनल का आदेश महत्वपूर्ण है।
- ईडी को कार को लौटाने का निर्देश दिया गया।
- कार की कीमत समय के साथ घटती है।
- जब्त की गई वस्तुओं को बिना सबूत के नहीं रखा जा सकता।
- भविष्य में सबूत मिलने पर कार्रवाई का अधिकार रहेगा।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के पीएमएलए अपीलीय ट्रिब्यूनल ने ईडी को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित निवास से जब्त की गई बीएमडब्ल्यू कार को वापस करने का निर्देश दिया है। यह कार 29 जनवरी, 2024 को तब जब्त की गई थी, जब ईडी की टीम ने झारखंड भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के दौरान उनके दिल्ली स्थित आवास पर छापा मारा था।
बीएमडब्ल्यू की 2021 मॉडल वाली यह कार भगवानदास होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। कंपनी ने इस जब्ती को चुनौती दी और कहा कि 21 महीने बीत जाने के बाद भी ईडी ने ऐसा कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया है, जिससे इस कार का मनी लॉन्ड्रिंग से कोई संबंध साबित हो सके।
ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह कार ऐसी वस्तु है जिसकी कीमत समय के साथ तेजी से घटती है। जब तक यह साबित नहीं होता कि जब्त की गई कार मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए खरीदी गई थी या किसी अपराध में इसका इस्तेमाल हुआ है, तब तक इसे अनिश्चितकाल के लिए जब्त रखना उचित नहीं है। ट्रिब्यूनल ने ईडी को छह सप्ताह के भीतर कार को वापस करने का निर्देश दिया है।
कंपनी के वकील रोहित शर्मा और राजेश इनामदार ने ट्रिब्यूनल में तर्क दिया कि न तो उनकी कंपनी और न ही उसके निदेशक ईसीआईआर या ईडी की अभियोजन शिकायतों में आरोपी बनाए गए हैं। ट्रिब्यूनल ने भी यह माना कि ईडी ने जब्ती को सही ठहराने के लिए कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किया। इसलिए ट्रिब्यूनल ने ईडी के तर्कों को अस्वीकार करते हुए कार को याचिकाकर्ता को लौटाने का आदेश दिया।
हालांकि, ट्रिब्यूनल ने कार लौटाते समय यह शर्त रखी है कि याचिकाकर्ता अगले एक साल तक कार को न तो बेचेगा और न ही उसे नष्ट करेगा, बल्कि इसे चालू स्थिति में रखेगा। भविष्य में यदि कोई सबूत मिलता है, तो ईडी के पास कार्रवाई करने का अधिकार रहेगा।
ट्रिब्यूनल ने यह आदेश 25 सितंबर को दिया, जिसकी जानकारी अब सामने आई है। इससे पहले, इस मामले में जब्त की गई अन्य वस्तुएं, जिनमें डिजिटल उपकरण भी शामिल थे, उन्हें याचिकाकर्ता को पहले ही लौटा दिया गया है।