क्या 'पुलिस स्मृति दिवस' बलिदानियों को याद करने का सही दिन है?

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क्या 'पुलिस स्मृति दिवस' बलिदानियों को याद करने का सही दिन है?

सारांश

लखनऊ में 'पुलिस स्मृति दिवस' पर बृजलाल ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बलिदानियों की याद दिलाते हुए कानून व्यवस्था में सुधारों को भी बताया। जानें इस महत्वपूर्ण दिन के बारे में और क्या कहा पूर्व डीजीपी ने।

Key Takeaways

  • पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन हर साल 21 अक्टूबर को होता है।
  • इस दिन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
  • बृजलाल ने कानून व्यवस्था में सुधारों की बात की है।
  • जीरो टॉलरेंस नीति से अपराध पर अंकुश लगा है।
  • शहीदों के परिजनों को सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

लखनऊ, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को ‘पुलिस स्मृति दिवस सम्मान’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि यह दिन देश भर में पुलिस इकाइयों द्वारा शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है, जो हमारे लिए गर्व और मार्मिक क्षण है। उन्होंने 21 अक्टूबर 1959 की उस दुखद घटना को याद किया, जब लद्दाख में चीनी सेना ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर धोखे से हमला कर उन्हें शहीद कर दिया था।

उन्होंने कहा, “आज का दिन हमें उन बलिदानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।”

उन्होंने बताया कि जब मैं 2011 में डीजीपी के रूप में कार्यरत था, तब मैंने लखनऊ में इस परेड का आयोजन किया था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री शामिल हुए थे।

पूर्व डीजीपी बृजलाल ने पिछले कुछ वर्षों में कानून व्यवस्था में हुए सुधारों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के कार्यकाल में शहीदों की संख्या हजारों में होती थी।

उन्होंने 2009-10 की एक घटना का जिक्र किया, जब छत्तीसगढ़ में एक ही दिन में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के कारण अपराध और आतंकवाद पर काफी हद तक अंकुश लगा है, जो कानून व्यवस्था में सुधार का सूचक है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश में पुलिस भर्तियों को समय पर पूरा किया गया और जवानों को उचित समय पर प्रमोशन दिए गए। इसके अलावा शहीद जवानों के परिजनों को पेंशन और अन्य सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

बृजलाल ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध और आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति अपनाकर प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत किया है।”

Point of View

मैं समझता हूं कि पुलिस स्मृति दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम अपने शहीद जवानों की बलिदान को सम्मान देते हैं। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सुरक्षाकर्मी किस तरह से हमारे देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

पुलिस स्मृति दिवस कब मनाया जाता है?
पुलिस स्मृति दिवस हर वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है।
इस दिन का महत्व क्या है?
इस दिन हम उन शहीद पुलिस जवानों को याद करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी।
क्या बृजलाल ने इस अवसर पर क्या कहा?
बृजलाल ने शहीदों की याद दिलाते हुए कानून व्यवस्था में सुधारों का जिक्र किया।
कानून व्यवस्था में सुधार कैसे हुआ है?
वर्तमान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के कारण अपराध और आतंकवाद पर अंकुश लगा है।
क्या शहीदों के परिजनों का ध्यान रखा जाता है?
जी हां, शहीदों के परिजनों को पेंशन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
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