क्या प्रधानमंत्री आवास योजना से अशोक पासवान और निरषी देवी की जिंदगी बदल गई?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री आवास योजना ने लाखों गरीबों को पक्के घर दिए हैं।
- अशोक पासवान और निरषी देवी की कहानी इस योजना की सफलता को दर्शाती है।
- यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक नई शुरुआत है।
- लोगों की खुशियों में वृद्धि करने में यह योजना महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
- सरकार की यह पहल जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में सफल रही है।
वैशाली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही है। इनमें से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना, जो उन लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है, जो खुद का घर बनाने में असमर्थ हैं और अपने आशियाने का सपना संजोये हुए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार के वैशाली जिले के अशोक पासवान और निरषी देवी के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अशोक को इस योजना का लाभ मिला और आज वह अपने घर के स्वामी हैं।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में वैशाली के बिदुपुर के दिलावरपुर गोवर्धन पंचायत के लाभार्थी अशोक पासवान ने कहा, "पहले झोपड़ी में रहना बहुत कठिन था। बच्चों की पढ़ाई में भी दिक्कत होती थी। अब प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल गया है और मेरा घर पक्का बन गया है। अब कोई परेशानी नहीं है। पहले बारिश में झोपड़ी से पानी टपकता था, लेकिन अब वह समस्या खत्म हो गई है।"
वहीं, लाभार्थी निरषी देवी ने कहा, "पहले कच्चे घर के कारण कई समस्याएं थीं। हर मौसम में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। झोपड़ी के गिरने का डर हमेशा बना रहता था। लेकिन अब आवास योजना के तहत मेरा घर पक्का हो गया है। अब हमारी समस्याएं समाप्त हो गई हैं। इसके लिए मैं पीएम मोदी का आभार व्यक्त करती हूँ।"
यह कहानी सिर्फ अशोक और निरषी की नहीं है। पूरे देश में लाखों गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने घर मिले हैं। ये घर उन लोगों को मिले हैं जो खुद घर बनाने में असमर्थ थे। घर मिलने के बाद उनके चेहरे की खुशी इस बात का प्रमाण है कि सरकार की यह योजना जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सफल रही है।