क्या प्रधानमंत्री जन औषधि योजना गरीबों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना दवाओं की कीमतों को 90 प्रतिशत तक कम करती है।
- लोग अब सस्ती दवाएं खरीद सकते हैं बिना आर्थिक चिंता के।
- छपरा में इस योजना ने लाखों लोगों को फायदा पहुंचाया है।
- जन औषधि केंद्रों का विस्तार आवश्यक है।
- महंगी दवाओं के लिए अब शहर जाने की जरूरत नहीं।
छपरा, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना ने लोगों के लिए एक वरदान का काम किया है। इस योजना का लाभ उठाकर लोग अपने इलाज पर होने वाले खर्च को कम करके आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
जो दवाएं पहले आम आदमी की पहुंच से दूर थीं, अब वही दवाएं प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत 90 प्रतिशत तक सस्ती होकर हर जरूरतमंद तक पहुंच रही हैं। छपरा जिले के इसुआपुर से एक ऐसी ही उम्मीद जगाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।
ग्राहक हरेंद्र सिंह ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि जन औषधि केंद्र में दवाइयां सस्ती मिलती हैं। पहले 500 रुपए में दवा ले जाते थे, अब महज 80 रुपए में ले जा रहा हूं। पहले बीमार पड़ने पर सोचना पड़ता था कि दवा के लिए पैसे कहां से लाएं, अब ऐसा नहीं है। इस केंद्र का विस्तार होना चाहिए, जिससे आमजन को फायदा मिल सके। पहले जहां दवाओं पर खर्च 3 हजार रुपए था, अब 500 में ही दवा मिल रही है। यह बचत योजना है, इसके लिए पीएम को बहुत बधाई।
जन औषधि केंद्र के संचालक इबरार अहमद ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से लाखों लोगों को फायदा हो रहा है। पहले मेरा मेडिकल स्टोर था, दवा का बिल देखकर लोगों के चेहरे पर मायूसी होती थी। पैसे की कमी के कारण लोग कम दवा लेते थे। अब लोग दवा लेते हैं और मुस्कुरा कर चले जाते हैं। बाजार में मिलने वाली 150 रुपए की दवा मात्र 22 रुपए में जन औषधि केंद्र पर मिल जाती है। यहां कई दवाओं पर 90 प्रतिशत तक की छूट मिलती है।
दवा लेने आए दीदार वारिस ने कहा कि बाजार में मिलने वाली 200 रुपए की दवा जन औषधि केंद्र में 50 रुपए में उपलब्ध है। इसकी जानकारी होने के बाद कोई भी बाजार से दवा नहीं खरीदता है।
मजहर निसार ने बताया कि इस केंद्र से आम जनता को 90 प्रतिशत तक फायदा हो रहा है। यहां बाजार मूल्य से सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं। महंगी दवाओं के लिए अब गांव के लोगों को शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। छोटे कस्बों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुलने से इसकी पहुंच ज्यादा लोगों तक हो रही है।