क्या प्रधानमंत्री 27 सितंबर को देश को पूर्णतः स्वदेशी 4जी स्टैक का तोहफा देंगे? : सिंधिया

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का उद्घाटन कार्यक्रम 27 सितंबर को है।
- पूर्णतः स्वदेशी 4जी स्टैक तकनीक का महत्व।
- नई जीएसटी दरें व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी हैं।
- इस पहल से आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा।
- दूरसंचार क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत होगी।
गुवाहाटी, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर के दो दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी पहुंचकर जीएसटी बचत उत्सव के अंतर्गत आयोजित आर्टफेड जागरण कार्यक्रम में भाग लिया। आगमन पर उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
सिंधिया ने सरकार द्वारा लागू की गई जीएसटी दरों में कटौती को अभूतपूर्व बताते हुए इसे हर नागरिक के लिए लाभकारी कहा और इसे इस दीवाली का असली तोहफा करार दिया। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को देश के लिए पूर्णतः स्वदेशी 4जी स्टैक और 1 लाख स्वदेशी बीएसएनएल टावरों का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम में असम सरकार के मंत्री केशव महंत, जीएमसी के मेयर मृगेन सरानिया सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।
मंत्री ने कहा कि नई जीएसटी दरें ऐतिहासिक हैं, जिससे व्यापारियों पर कर का बोझ कम हुआ है और उपभोक्ताओं के लिए सामान अधिक किफायती हो गए हैं। यह जीएसटी बचत उत्सव का सार है, जो हर घर तक बचत पहुंचाता है और नवरात्रि एवं दिवाली के अवसर पर एक उपहार है।
उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को दूरसंचार क्षेत्र की एक ऐतिहासिक उपलब्धि, पूर्णतः स्वदेशी 4जी स्टैक और 1 लाख स्वदेशी बीएसएनएल टावरों का उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना पूरी तरह से भारत में विकसित की गई है, जिसमें सी-डॉट का कोर नेटवर्क, तेजस नेटवर्क्स का रेडियो एक्सेस नेटवर्क और टीसीएस द्वारा एकीकरण शामिल है।
सिंधिया ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि भारत को दूरसंचार के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में भी स्थापित करती है।
उन्होंने प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अपनी आवाज और संगीत के माध्यम से असम, पूर्वोत्तर और पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।