क्या प्रधानमंत्री ने किसानों के हितों की रक्षा का आश्वासन दिया?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों के हितों की रक्षा का आश्वासन
- सरकारी योजनाओं की सराहना
- किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना
- आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक कदम
- सरकार की प्रतिबद्धता
जगतसिंहपुर, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घोषणा की कि कृषि हितों को लेकर भारत किसी भी प्रकार के समझौते के मूड में नहीं है। अन्नदाताओं के समर्थन में दिए गए आश्वासन से ओडिशा के जगतसिंहपुर के किसान खुश हैं। वे एक सुर में किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही केंद्रीय योजनाओं की सराहना कर रहे हैं।
वास्तव में, पीएम मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में किसानों के हित की बात की थी। मंच से उन्होंने कहा कि सरकार के लिए किसानों का हित महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा।
इसी बयान का स्वागत करते हुए, जगतसिंहपुर के तटीय क्षेत्र सिपही के किसान देबदत्त मोहंती ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "प्रधानमंत्री ने हमेशा किसानों के हित में सराहनीय कदम उठाए हैं।" उन्होंने किसानों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली 'पीएम-किसान योजना' जैसी पहलों की सराहना की और कहा कि किसानों के कल्याण पर प्रधानमंत्री का ध्यान सच में प्रशंसनीय है।
मोहंती ने कहा, "किसानों के हितों की रक्षा का आश्वासन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों न आएं, किसानों की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री के प्रयासों की प्रशंसा की जानी चाहिए।"
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया टैरिफ बढ़ोतरी के बीच प्रधानमंत्री का भारतीय किसानों के प्रति दिया गया बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के हितों में बाधा डालने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने कहा था, "वे जानते हैं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के किसानों के लिए, मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशुपालकों के लिए भारत तैयार है। किसानों की आय बढ़ाने, खेती पर खर्च कम करने, आय के नए स्रोत बनाने के लक्ष्यों पर हम लगातार काम कर रहे हैं।"