क्या प्रधानमंत्री मोदी 9 सितंबर को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी 9 सितंबर को पंजाब और हिमाचल प्रदेश का दौरा करेंगे।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया जाएगा।
- केंद्र सरकार राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए तत्पर है।
- पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ प्रभावित हैं।
- हिमाचल प्रदेश में भी भारी तबाही
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब और हिमाचल प्रदेश का दौरा करने की योजना बना रहे हैं। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण दोनों राज्यों ने इस मानसून में गंभीर समस्याओं का सामना किया है। पीएम मोदी इन राज्यों में जमीनी हालात का मूल्यांकन करने के लिए पहुंच सकते हैं।
भाजपा पंजाब ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को गुरदासपुर आ रहे हैं। वे बाढ़ से प्रभावित किसानों और भाई-बहनों से सीधे मिलकर अपनी सहानुभूति व्यक्त करेंगे और पीड़ितों की सहायता के लिए हर संभव उपाय करेंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा यह दर्शाता है कि केंद्र की भाजपा सरकार हमेशा पंजाब के लोगों के साथ खड़ी है और इस कठिन दौर में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है।"
इसी तरह भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई ने एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपदा प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाने के लिए जल्द ही हिमाचल प्रदेश का दौरा कर सकते हैं।"
इससे पहले, 4 सितंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब का दौरा किया। पंजाब में बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए अमृतसर में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राहत सामग्री की आपूर्ति, प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित बचाव कार्य और पुनर्वास योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
गौरतलब है कि पंजाब सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक है। नदियां अपने उफान पर हैं, जिससे चारों ओर केवल पानी ही दिख रहा है। स्थिति यह है कि पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित किए जा चुके हैं। सैकड़ों गांव जलमग्न हैं। कम से कम 43 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि लाखों हेक्टेयर में फसलें नष्ट हो गई हैं।
वहीं हिमाचल प्रदेश में भी इस बार भारी तबाही हुई है। 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से प्रदेश में अचानक बाढ़, बादल फटने और बड़े भूस्खलन की सैकड़ों घटनाएं हुई हैं। इससे घर-मकानों के नष्ट होने के साथ-साथ बड़ी संख्या में जनहानि भी हुई है। हिमाचल प्रदेश में मंडी, शिमला, कुल्लू और चंबा जिलों के प्रमुख मार्गों समेत कई सड़कें अवरुद्ध हैं।