क्या प्रधानमंत्री मोदी का चीन में हुआ भव्य रेड कार्पेट स्वागत?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का चीन दौरा महत्वपूर्ण है।
- भारत और चीन के बीच सहयोग की नई संभावनाएं।
- बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए राहत कार्य जारी हैं।
- केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का बयान।
- राज्य सरकार पूरी तरह से राहत कार्यों में जुटी है।
चंडीगढ़, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि पूरी दुनिया एक ओर हो और भारत तथा चीन एकजुट होकर दूसरी ओर खड़े हों, तो कोई भी उनके सामने टिक नहीं सकता।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस दो दिवसीय यात्रा ने दोनों राष्ट्रों के बीच सहयोग की नई संभावनाएं उत्पन्न की हैं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री भारत के हितों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और हमारे देश की प्रगति के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का चीन में रेड कार्पेट के साथ भव्य स्वागत हुआ। उनकी हालिया जापान यात्रा भी अत्यंत सफल रही। हम इस यात्रा को बहुत आशा और विश्वास के साथ देख रहे हैं और हमें उम्मीद है कि इससे भारत के हित में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
पंजाब में आई बाढ़ को उन्होंने कुदरत की मार करार देते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर पंजाब को बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से दिल्ली के प्रभाव से बाहर निकलकर राज्य की स्थिति पर ध्यान देने और बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर केंद्र सरकार के सामने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने की अपील की।
बिट्टू ने कहा कि इस मीटिंग के जरिए पंजाब अपने नुकसानों को केंद्र के सामने रख सकता है क्योंकि बाढ़ के बाद कई बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
दूसरी ओर, पंजाब के सीएम भगवंत मान बाढ़ को लेकर अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं।
उन्होंने एक्स पोस्ट के माध्यम से बताया कि उन्होंने चंडीगढ़ में मंत्रियों, राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नर, पुलिस और फौज के उच्च अधिकारी और विभिन्न विभागों के सीनियर अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक की। इस बैठक में बाढ़ की मार से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर उठाए जा रहे ठोस कदमों की समीक्षा की गई। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। इसके साथ ही मुख्य सचिव, उच्च अधिकारियों और विधायकों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और राहत व बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने हेतु भी कहा गया। इस संकट की घड़ी में लोगों को बाहर निकालने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से वचनबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।