क्या प्रधानमंत्री मोदी घाना के लिए यात्रा पर रवाना हुए?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पांच देशों तक फैली है।
- यह यात्रा भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत करने का प्रयास है।
- विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।
- प्रधानमंत्री घाना की संसद को संबोधित करेंगे।
- यह यात्रा नवीनतम वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी।
नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की महत्वपूर्ण यात्रा पर प्रस्थान किया। यह यात्रा 2 से 9 जुलाई तक चलेगी और इसका उद्देश्य भारत के वैश्विक संबंधों को और मजबूत करना है।
प्रधानमंत्री मोदी घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के आमंत्रण पर वहां पहुंचेंगे। घाना भारत का एक प्रमुख साझेदार है और अफ्रीकी संघ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दौरे के दौरान निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास साझेदारी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे, जो दोनों देशों के लोकतांत्रिक रिश्तों को प्रदर्शित करता है।
इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे, जहां भारत के साथ गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। वह राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मिलेंगे। यह दौरा दोनों देशों के बीच 180 साल पुरानी भारतीय प्रवासी संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा।
इसके अलावा, 57 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली अर्जेंटीना यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जेवियर माइली से मिलेंगे, जिनसे उनकी पिछले वर्ष मुलाकात हो चुकी है। दोनों नेता कृषि, खनिज, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। अर्जेंटीना भारत का जी20 में करीबी सहयोगी है।
रियो डी जेनेरियो में प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वे कई वैश्विक नेताओं से मिलेंगे। भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। इसके बाद, ब्रासीलिया में राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होगी। यह छह दशकों में पहली ऐसी यात्रा होगी, जो दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत करेगी।
अंत में, प्रधानमंत्री नामीबिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति नेटुम्बो नंडी-नदैतवा से मिलेंगे। इस दौरे में सहयोग का नया रोडमैप तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी नामीबियाई संसद को भी संबोधित करेंगे, जो दोनों देशों की स्वतंत्रता और विकास के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगा।