क्या चिप से लेकर शिप तक सब कुछ भारत में बनाना संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- आत्मनिर्भरता का महत्व
- भारत में मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि
- २,२०० से अधिक प्रदर्शकों की भागीदारी
- जीएसटी के सुधारों का प्रभाव
- निवेशकों के लिए विन-विन स्थिति
ग्रेटर नोएडा, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित 'उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो' के तीसरे संस्करण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने देशभर से आए उद्यमियों, निवेशकों और युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस व्यापार शो में २,२०० से अधिक प्रदर्शक अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी और बताया कि इस बार का कंट्री पार्टनर रूस है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंत्योदय का अर्थ है, विकास की रोशनी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना। गरीबों तक विकास पहुंचे और हर प्रकार का भेदभाव समाप्त हो, यही अंत्योदय है और यही सामाजिक न्याय की मजबूती है।
उन्होंने यूपीआई, आधार, डिजिलॉकर और जेम पोर्टल जैसी योजनाओं को आर्थिक क्रांति का आधार बताया। उन्होंने कहा कि आज जेम पोर्टल से २५ लाख से अधिक सेवा प्रदाता जुड़े हैं और केंद्र सरकार १५ लाख करोड़ रुपए से अधिक के सामान और सेवाएं खरीद चुकी है। सिर्फ एमएसएमई से ७ लाख करोड़ रुपए की खरीद हुई है, जो छोटे उद्यमियों के लिए एक बड़ा सहारा है।
उन्होंने जीएसटी सुधार को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि २०१४ से पहले टैक्स का जंजाल इतना था कि परिवार का बजट और व्यापार दोनों ही संतुलित नहीं रह पाते थे। उदाहरण देते हुए कहा कि २०१४ से पहले १,००० रुपए की शर्ट पर ११७ रुपए टैक्स लगता था, जो अब घटकर मात्र ३५ रुपए रह गया है। इसी तरह, २०१४ से पहले १०० रुपए का सामान १३१ रुपए में मिलता था, लेकिन जीएसटी के बाद यह घटकर ११८ रुपए और अब सिर्फ १०५ रुपए में उपलब्ध है। आवश्यक वस्तुओं पर अब मात्र ५ प्रतिशत टैक्स है, जिसका सीधा लाभ किसान, मजदूर और आम उपभोक्ता को हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से अपील की कि वे ऐसे मॉडल तैयार करें जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हों। उन्होंने कहा, "हर वह उत्पाद जो हम भारत में बना सकते हैं, उसे भारत में ही बनाना होगा। चिप से लेकर शिप तक सब कुछ भारत में बनाना है। सरकार कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ खड़ी है। मैन्युफैक्चरिंग में क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। स्वदेशी रिसर्च, डिज़ाइन और विकास का मजबूत इकोसिस्टम विकसित करना होगा। उत्तर प्रदेश आज देश का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य है। यहां सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भी बन रहे हैं। यूपी में दो बड़े डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और ओडीओपी जैसी योजनाओं से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान मिली है।
उन्होंने बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। देश में बनने वाले ५५ प्रतिशत मोबाइल यूपी में बनते हैं। इसके अलावा, यूपी में एके-२०३ राइफल और ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन भी हो रहा है। बदलती दुनिया में जो देश जितना अधिक दूसरों पर निर्भर रहेगा, उसकी प्रगति उतनी ही सीमित होगी।
उन्होंने निवेशकों से कहा कि भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में निवेश करना उनके लिए विन-विन स्थिति है। उन्होंने सभी उद्यमियों और प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो के लिए शुभकामनाएं दीं और भारत को २०४७ तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को दोहराया।