क्या कब्ज और गैस से परेशान हैं? उत्तानपादासन देता है राहत और मांसपेशियों को करता है मजबूत
सारांश
Key Takeaways
- उत्तानपादासन पेट की समस्याओं को दूर करता है।
- यह कमर दर्द और पैरों में दर्द को कम करता है।
- यह तनाव को कम करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- रक्त का संचार बेहतर करता है।
- सही तरीके से करने पर शरीर को ताकतवर बनाता है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल के व्यस्त जीवनशैली में लोग अक्सर अपनी सेहत की अनदेखी कर देते हैं। समय पर भोजन न करना और शरीर को आराम नहीं देना, ऐसे में पेट की समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य मुद्दे धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं। योग ही है जो कम मेहनत में शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन उपाय है।
आज हम आपको एक महत्वपूर्ण योगासन के बारे में बताएंगे, जो आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा। उत्तानपादासन एक ऐसा आसन है जो पेट की समस्याओं को दूर करने में सहायक है और कमर दर्द और पैरों में दर्द की समस्याओं को भी कम करता है। उत्तानपादासन कब्ज और गैस से राहत प्रदान करता है और पेट की चर्बी को कम करके मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
यह आसन मानसिक शांति भी प्रदान करता है। यह तनाव को कम करता है और हृदय की धड़कन को नियंत्रित करता है। आयुष मंत्रालय ने उत्तानपादासन के कई फायदे बताए हैं।
इसका मुख्य लाभ नाभि चक्र को संतुलित करना है, जो पाचन और पेट के रोगों से जुड़ा होता है। यह अपच और पेट फूलने से भी राहत दिलाता है।
उत्तानपादासन करना बहुत आसान है। पहले सीधे जमीन पर लेट जाएं और हाथों को सीधा जमीन पर रखें। पैरों को एक साथ मिलाकर बिना कमर को ऊपर किए उठाएं। पैरों को 30-40 डिग्री तक ऊपर की तरफ लेकर आएं और कुछ समय तक इसी अवस्था में रहें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लाएं। यदि कमर दर्द या हाई बीपी की समस्या है, तो उत्तानपादासन करते समय सावधानी बरतें।
उत्तानपादासन से पूरे शरीर में रक्त का संचार सही तरीके से होता है और यह हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। रक्त का संचार बेहतर होने से मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है और शरीर सुचारू रूप से काम करता है। गलत तरीके से उत्तानपादासन करने से कमर का दर्द बढ़ सकता है। इसीलिए, डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे करें।