क्या क्रिसमस की छुट्टी के बाद भारतीय शेयर बाजार सपाट खुला?

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क्या क्रिसमस की छुट्टी के बाद भारतीय शेयर बाजार सपाट खुला?

सारांश

26 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार में मामूली गिरावट के साथ सपाट खुला। बाजार में हलचल की कमी के कारण निवेशकों के लिए नए रुझान नजर नहीं आए, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में स्थिति बदल सकती है।

Key Takeaways

  • बाजार में मामूली गिरावट
  • निवेशकों के लिए खरीदारी का समय
  • बड़ी कंपनियों में निवेश की सलाह
  • आने वाले दिनों में तेजी की संभावना
  • अमेरिकी जीडीपी ग्रोथ का प्रभाव

मुंबई, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक मामूली गिरावट के साथ सपाट खुले। गुरुवार को क्रिसमस की छुट्टियों के चलते छोटे सप्ताह के कारण निवेशकों के लिए नए रुझान कम देखने को मिले।

शुरुआती सत्र में खबर लिखे जाने तक (करीब 9.20 बजे) 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 55 अंकों यानी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,360 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं एनएसई निफ्टी 12.60 अंकों यानी 0.05 प्रतिशत गिरकर 26,126 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था।

इस दौरान बीईएल, कोल इंडिया, अदाणी इंटरप्राइजेज, आयशर मोटर, सिप्ला और टाइटन टॉप गेनर्स के शेयरों में शामिल रहे, जबकि सन फार्मा, श्रीराम फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, इटरनल और टाटा स्टील टॉप लूजर्स शेयरों में रहे।

व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप 0.21 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप में 0.08 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।

सेक्टरवार, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, केमिकल्स और एफएमसीजी इंडेक्स सबसे ज्यादा मुनाफे वाले शेयरों में शामिल रहे, जबकि निफ्टी मीडिया (0.3 प्रतिशत की गिरावट) और निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.2 प्रतिशत की गिरावट) सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले क्षेत्र रहे।

बाजार के जानकारों का कहना है कि साल 2025 के खत्म होने में अब केवल चार ट्रेडिंग दिन बचे हैं। जो तेजी पहले सांता रैली जैसी लग रही थी, अब उसमें कमजोरी नजर आने लगी है। अमेरिका-भारत ट्रेड डील जैसे किसी नए बड़े संकेत की कमी के कारण बाजार फिलहाल मौजूदा स्तरों के आसपास ही स्थिर रह सकता है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने 2025 की तीसरी तिमाही में 4.3 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी ग्रोथ दिखाई है, जिससे वहां के शेयर बाजार को सहारा मिल रहा है। अमेरिकी कंपनियों, विशेषकर एआई से जुड़ी कंपनियों, की अच्छी और बढ़ती कमाई के कारण कुछ विदेशी निवेशक, खासकर हेज फंड, निकट समय में भारत में बिकवाली बढ़ा सकते हैं। हालांकि, देश के बड़े और नकदी से भरपूर घरेलू संस्थागत निवेशकों की लगातार खरीदारी बाजार को सहारा देगी और तेज गिरावट से बचाएगी।

निवेशकों के लिए इस समय सबसे बेहतर रणनीति यह है कि वे अच्छी गुणवत्ता वाली बड़ी कंपनियों में निवेश बनाए रखें और जब भी बाजार गिरे, तो धीरे-धीरे उनमें खरीदारी करें।

2026 की शुरुआत में बाजार में तेजी आने की पूरी संभावना है। इसलिए निवेशकों को निवेश करते समय वैल्यू को ज्यादा महत्व देना चाहिए। कुछ आईपीओ में शेयरों की बहुत ज्यादा कीमत और नए निवेशकों द्वारा महंगे दाम पर शेयर खरीदना यह दिखाता है कि बाजार में इस समय जरूरत से ज्यादा उत्साह है।

Point of View

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है। वर्तमान में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और लार्ज कैप कंपनियों में निवेश करना चाहिए।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में आज क्या हुआ?
आज भारतीय शेयर बाजार में मामूली गिरावट के साथ व्यापार शुरू हुआ।
निवेशकों के लिए क्या सलाह है?
निवेशकों को बड़ी कंपनियों में निवेश बनाए रखना चाहिए और बाजार में गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए।
Nation Press